गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना कैसे होगा साकारबेलदौर. प्रखंड क्षेत्र के स्थानीय मध्य विद्यालय भैसाडीह में शिक्षकों के घोर अभाव के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा धरातल पर नहीं उतर पा रही है. शिक्षकों के अभाव के कारण एक ही कमरे मे तीन से अधिक वर्ग कक्ष के 100 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाया जाता है. जबकि विद्यालय में कमरों की संख्या आधे दर्जन से भी अधिक है. परिसर में तीन एसीआर व चार एसीआर के अतिरिक्त नवनिर्मित भवन विद्यालय की शोभा बढ़ा रही है. बावजूद बच्चे को कमरे मे ठूंस कर पढ़ाया जाता है. इसके कारण गुणवत्तपूर्ण शिक्षा महज फाइलों में ही दफन होकर रह गयी है. मंगलवार को वर्ग कक्ष एक से आठ तक के नामांकित बच्चे 589 में 350 बच्चे उपस्थित थे. एक बजे टिफिन होने पर बच्चे एमडीएम खाने के लिए थाली लेकर पंक्ति में बैठ गये व चावल, दाल व सब्जी पेट भर कर खाया. एमडीएम खाने के लिए आसपास के बगैर नामांकित बच्चे भी थाली लेकर पहंुच गये. एचएम ने एमडीएम खिला कर रोज विद्यालय आकर एमडीएम खाने की बात कही. विद्यालय मंे प्रतिनियुक्त छह रसोइया गरमा-गरमा एमडीएम बच्चों की परोस रही थी. जबकि शिक्षकों के काफी रोकने के बाद भी एमडीएम खाने के बाद बच्चे विद्यालय से गायब हो गये. यही हाल क्षेत्र के ज्यादतर विद्यालयों का है. क्या कहते हैं एचएमएचएम उमेश कुमार ने बताया कि विद्यालय में चावल मिलने के बाद 16 नवंबर से एमडीएम चालू किया गया. एमडीएम शुरू होते ही बच्चों की संख्या दुगुनी हो गयी है. शिक्षक का अभाव व बच्चों की अत्यधिक उपस्थिति के कारण दो वर्ग कक्ष के बच्चों को एक कमरे मे पढ़ाने की विवशता है. एमडीएम का बहाना कर देर तक पढ़ाई होती है, लेकिन एमडीएम खाने के बाद बच्चे घर भागने लगते हैं.
शिक्षक के अभाव से जुझ रहा विद्यालय
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