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पॉस मशीन भी नहीं रोक पा रही अनाज की कालाबाजारी

गोगरी : सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ जनहित तक पहुंचाने के लिये लगातार प्रयासरत है. तरह तरह के योजनाओं में अनियमितता को रोकने के लिये कई उपाय किये जा रहे हैं. लेकिन कालाबाजारी करने वालों के सामने सब धरी की धरी रह जाती है. वर्तमान समय में सबसे ज्यादा अनियमितता कहे या कालाबाजारी वह […]

गोगरी : सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ जनहित तक पहुंचाने के लिये लगातार प्रयासरत है. तरह तरह के योजनाओं में अनियमितता को रोकने के लिये कई उपाय किये जा रहे हैं. लेकिन कालाबाजारी करने वालों के सामने सब धरी की धरी रह जाती है. वर्तमान समय में सबसे ज्यादा अनियमितता कहे या कालाबाजारी वह सबसे उच्च् स्तर पर है अनाज की हेराफेरी.

अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिये विभाग ने पहले संवेदक के वाहन में जीपीएस लगायी जिससे वाहन की ट्रेकिंग हो सके. इससे भी बात नहीं बनी तो उसी वाहन में लोडसेल लगाया गया. जिससे की वाहन पर लोड या अनलोड की क्षमता का पता लगेगा.
जिसके बाद विभाग द्वारा डीलर के दुकानों में ई पॉस मशीन लगायी गयी. ई पॉस मशीन के माध्यम से बिना आधार केवाइसी किये अर्थात बिना लाभार्थी के अंगूठे का निशान दिये अनाज का वितरण नहीं किया जा सकता. लेकिन कालाबाजारी करने वाले इससे भी आगे निकले. एक ऐसा ही मामला गोगरी के महेशखूंट पंचायत का है.
जहां पंचायत की एक नव चयनित डीलर द्वारा दो माह का अनाज की कालाबजारी कर ली गयी. जिसके बाद कुछ सजग लाभार्थियों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारी से की. जहां एसडीओ द्वारा मामले की जांच कर डीलर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया. मंगलवार को महेशखूंट पंचायत की डीलर देवरानी कुमारी का लाइसेंस कालाबाजारी करने के कारण रद्द किया गया.
योजना के पांच साल बाद भी नहीं पहुंच रहे लाभार्थी तक समुचित अनाज. सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लागू होने के पांच साल बीतने के बावजूद समाज में आज भी कई ऐसे गरीब हैं जो इस योजना से वंचित हैं और जिसे अनाज मिलता भी है तो गुणवत्ता व मात्रा की कमी होती है.
रामपुर पंचायत के लाभुक फतेहपुर निवासी शंकर दयाल ने बताया कि किसी माह में अनाज मिलता है किसी माह में नहीं. डीलर कुछ न कुछ बहाना बना देते हैं. उस पर नाप कम और घटिया अनाज देते हैं.
मुश्कीपुर पंचायत के लाभुक असगरी बेगम का कहना है कि सरकार के द्वारा घोषणा तो कर दी जाती है, परंतु गरीबों को सुविधा नहीं मिल पाती है. दक्षिणी जमालपुर पंचायत की लाभुक सुशीला देवी का कहना है कि हम लोगों को तो अनाज तो दूर केरोसीन भी नहीं मिलता है और ना ही खाद सुरक्षा योजना का कार्ड ही मिला है.
नगर पंचायत के वार्ड 16 निवासी किट्टू सिंह का कहना है कि हम गरीब हैं. पहले हमें खाद्य सुरक्षा का कार्ड मिला था लेकिन पिछले दो वर्ष पूर्व नाम काट दिया गया है. जबकि मेरे यहां कोई भी सरकारी लाभ नहीं ले रहा है. कार्यालय के काफी चक्कर लगाने के बावजूद कार्ड नहीं बना. जिससे हम लाभ से वंचित हो गये.
मुश्कीपुर निवासी मो. कुद्दुस ने बताया कि दो महीने से डीलर द्वारा राशन नहीं दिया गया है. वहीं लोगों से डीलर द्वारा एक रुपया प्रति किलो अधिक लिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम लोगों को अनाज मिलता है परंतु नाप में कमी रहती है. उन्होंने कहा कि डीलर की शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी से की जायेगी.
कालाबाजारी के मामले में डीलर का लाइसेंस रद्द
महेशखूंट. थाना क्षेत्र के महेशखूंट पंचायत के नव चयनित जविप्र दुकानदार देवरानी कुमारी की अनुज्ञप्ति गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल ने अनाज कालाबाजारी मामले में रद्द कर दी.
एसडीओ ने 2019 के नवंबर माह एवं दिसंबर माह के राशन के कालाबाजारी करने के आरोप में डीलर का लाइसेंस रद्द किया है. मालूम हो कि क्षेत्र की उपभोक्ताओं ने डीलर देवरानी के विरूद्ध राशन-केरोसिन वितरण में मनमानी, अनियमितता और अनाज का उठाव कर वितरण नहीं करने की शिकायत की थी. जिसकी जांच के बाद सत्यता पाने पर डीलर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.

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