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फर्जी नीति आयोग टीम के सदस्यों पर होगी प्राथमिकी

खगड़िया : फर्जी नीति आयोग की टीम में शामिल सभी शातिरों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. डीएम अनिरुद्ध कुमार ने सख्त रवैया अपनाते हुए फर्जी जांच टीम पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये हैं. साथ ही पूरे मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं. इस बात की भी जांच की जा रही है […]

खगड़िया : फर्जी नीति आयोग की टीम में शामिल सभी शातिरों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. डीएम अनिरुद्ध कुमार ने सख्त रवैया अपनाते हुए फर्जी जांच टीम पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये हैं. साथ ही पूरे मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं. इस बात की भी जांच की जा रही है कि आखिर किस परिस्थिति में फर्जी जांच टीम को स्कूल की किस कमी को छुपाने के लिये रिश्वत का लेन-देन किया गया.

पूरे प्रकरण की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद एसडीओ के निर्देश पर उन सभी पांच स्कूलों के हेडमास्टर से स्पष्टीकरण तलब कर जवाब मांगा गया है, जहां फर्जी नीति आयोग की जांच टीम द्वारा पहुंच कर जांच के नाम पर अवैध वसूली की गयी थी. स्पष्टीकरण का जवाब मिलने के बाद पूरे मामले में प्राथमिकी सहित अन्य कार्रवाई होने के प्रबल आसार हैं.
मालूम हो कि बीते 2 नवंबर को गोगरी के सर्किल नम्बर एक के पांच विद्यालयों में नारायणपुर बलहा निवासी सीआरसी जितेन्द्र सिंह, गार्ड के रूप में पुलिस के वर्दी में पिस्टल लेकर शम्भू सिंह और राजू कुमार शर्मा सहित पांच सदस्यीय टीम ने खुद को नीति आयोग की टीम बताकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक को कार्रवाई करने की धौंस दिखाकर लाखों रूपये की ठगी कर फरार हो गए थे.
गोगरी के सर्किल नम्बर एक के प्राथमिक विद्यालय बड़ी पैकात पूर्वी खंड, मध्य विद्यालय बीरबास, मध्य विद्यालय खरौवा, मध्य विद्यालय भीमरी नवटोलिया, प्राथमिक विद्यालय भिमरी में जांच के नाम पर वसूली व वापसी का मामला गरमाने के बाद कई गरदन फंसने के आसार बढ़ गये हैं.
रिश्वत के लेन-देन में एचएम पर कस सकता है शिकंजा
डीएम अनिरुद्ध कुमार ने साफ लहजे में कहा कि फर्जी जांच टीम द्वारा जांच के नाम पर अवैध वसूली हो या फिर राशि वापसी का मामला, इस तरह की हरकत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इधर, फर्जी नीति आयोग की टीम को रिश्वत देना प्रधानाध्यापकों को महंगा पड़ सकता है.
डीएम की सख्ती के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गोगरी के पांच स्कूलों के हेडमास्टर से स्पष्टीकरण तलब कर जवाब मांगा है. बताया जाता है कि मामला तूल पकड़ते देख देवठा संकुल समन्वयक उदय कुमार मंडल ने मध्यस्थता कर फर्जी जांच टीम द्वारा अवैध वसूली की रकम प्रधानाध्यापकों को लौटा तो दी गयी है.
लेकिन प्रभात खबर में प्रमुखता से खबर प्र्रकाशित होने के बाद डीएम की सख्ती को देखते हुए रिश्वत के लेन-देन व वापसी में शामिल हेडमास्टरों से लेकर फर्जी जांच टीम में शामिल युवकों व उसको स्थानीय स्तर पर सहयोग करने वाले लोगों पर भी प्रशासन की नजर है. दूसरी ओर अवैध वसूली की रकम लौटाने के लिये देवठा संकुल समन्वयक उदय कुमार द्वारा मध्यस्थता किये जाने के बाद उनकी भी सवालों के घेरे में आ गयी है.
गोगरी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरुण कुमार यादव ने मध्य विद्यालय वीरबास,मध्य विद्यालय खरौआ, प्राथमिक विद्यालय बड़ी पैकांत पूर्वी, प्राथमिक विद्यालय अनुसूचित टोला भिमड़ी, मध्य विद्यालय नवटोलया भिमड़ी के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण तलब कर जवाब मांगा है कि आखिर किस परिस्थिति में कौन सी गड़बड़ी छुपाने के लिये फर्जी जांच टीम कोन नराना देने पड़ा.
रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध : डीएम
फर्जी नीति आयोग की टीम द्वारा विद्यालय जांच के नाम पर अवैध वसूली व फिर वापसी प्रकरण में जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. जांच टीम में शामिल नारायणपुर बलहा के सभी शातिर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस कार्रवाई करेगी. पूरे मामले की जांच चल रही है. पांच स्कूलों के एचएम से जवाब तलब किया गया है. रिश्वत लेने वाले के साथ देने वाले भी कार्रवाई होगी. इस तरह की हरकत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
अनिरुद्ध कुमार, डीएम.
देवठा सीआरसी उदय कुमार के साथ सर्किल नंबर एक के विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापकों सहित कई शिक्षक बीते दिनों नारायणपुर बलहा स्थित घर पर आ गये. जहां सीआरसी की मध्यस्थता के बाद गोगरी के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से वसूली गयी राशि लौटा दी गयी. इस पूरे प्रकरण से मेरा कोई लेना देना नहीं है.
राजू शर्मा, फर्जी जांच टीम का मास्टरमाइंड
पूरे मामले में पांच स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. मेरे उपर लगाये जा रहे सारे आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं.
उदय कुमार, संकुल समन्वयक देवठा.
नारायणपुर बलहा के रहने वाले पांच युवकों द्वारा फर्जी नीति आयोग की टीम बना कर गोगरी के पांच स्कूलों में जांच के नाम पर अवैध वसूली की गयी थी. फर्जी जांच टीम का भंडाफोड़ होने के बाद मास्टरमाइंड राजू शर्मा नामक युवक के घर पर पहुंच कर पंचायती हुई, इस दौरान सीआरसी उदय कुमार समेत कई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों सहित स्थानीय लोगों की मौजूदगी में फर्जी जांच टीम द्वारा अवैध रुप से वसूली गयी राशि वापस कर मामले को रफादफा कर दिया गया. लेकिन मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद मामला मैनेज नहीं हो पाया.
प्रधानाध्यापक, प्रत्यक्षदर्शी

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