खगड़िया. : ठंड के दस्तक देते ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है. दिन में गरमी व रात में ठंड का दौर शुरू हो गया है. तापमान में उतार-चढ़ाव सेहत पर भी असर पड़ने लगा है. अस्पतालों में श्वांस संबंधी बीमारियों, वायरल फीवर के मरीज बड़ी तादाद में पहुंचने लगे हैं. अस्पताल के ओपीडी में ऐसे मरीजों की तादाद तकरीबन 30 फीसदी तक पहुंच चुकी है. हर उम्र के लोगों पर इसका असर देखा जा रहा है. बच्चों व बुजुर्गों की तादाद अधिक है.
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मौसम बदलने से बढ़ रही मरीजों की संख्या
खगड़िया. : ठंड के दस्तक देते ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है. दिन में गरमी व रात में ठंड का दौर शुरू हो गया है. तापमान में उतार-चढ़ाव सेहत पर भी असर पड़ने लगा है. अस्पतालों में श्वांस संबंधी बीमारियों, वायरल फीवर के मरीज बड़ी तादाद में पहुंचने लगे हैं. अस्पताल के […]
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि इन दिनों आनेवाले मरीज बुखार, नाक बहने, बार-बार छींक आने, सूखी खांसी, गले में खराश व दर्द, कान में दर्द, सिरदर्द व सुस्ती से परेशान मरीज इलाज के लिए पहुंच रहें है.
श्वांस नली व फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ितों की कतार भी लंबी है. उनमें थूक निगलने में परेशानी, आवाज में भारीपन, सांस लेने में परेशानी, सीने में जलन व दर्द देखा जा रहा है. इनमें दमा के मरीजों भी अधिक हैं. दमा के मरीजों को बदलते मौसम में अधिक खतरा होता है. ऐसे मरीजों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए.
कहते हैं चिकित्सक
प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ पवन कुमार ने बताया कि तापमान में उतार-चढ़ाव बच्चों के लिए अधिक नुकसानदायक साबित हो सकता है. आजकल बच्चों के सीने में संक्रमण, जकड़न व निमोनिया की शिकायत बढ़ी है. छह माह से दो साल तक के बच्चों की संख्या अधिक है. यदि बच्चों को बुखार, सर्दी-खांसी, सांस लेने में दिक्कत के साथ पसली तेज चल रही हो तो सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि लापरवाही निमोनिया की वजह बन सकती है.
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