खगड़िया : जिले के अधिकांश किसान गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने में नाकाम रह गए. पहले खरीफ मौसम में यही धान की खेती करने वाले किसानों की रही थी. और अब उससे भी बदतर स्थिति गेहूं की बुआई करने वाले किसानों की हुई है. जिले में दिये गए लक्ष्य के विरुद्ध महज 1.125 प्रतिशत ही गेहूं की खरीदारी हुई है. गौरतलब है कि 1 अप्रैल से 30 जून तक क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीद की तिथी निर्धारित की गई थी.
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सिर्फ 540 क्विंटल गेहूं की खरीदारी
खगड़िया : जिले के अधिकांश किसान गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने में नाकाम रह गए. पहले खरीफ मौसम में यही धान की खेती करने वाले किसानों की रही थी. और अब उससे भी बदतर स्थिति गेहूं की बुआई करने वाले किसानों की हुई है. जिले में दिये गए लक्ष्य के विरुद्ध महज 1.125 प्रतिशत ही […]
गेहूं खरीद की खरीद समाप्त हो जाने के बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा डीएम को फाइनल रुप से खरीदे गए गेहूं की रिपोर्ट भेजी है. सूत्र बताते हैं कि इस रिपोर्ट को देख सभी हैरान व परेशान हैं. रबी मौसम में 48 हजार क्विंटल गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था,जिसके विरुद्व इन तीन माह में मात्र 540 क्विंटल गेहूं ही किसानों से खरीद किये गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले खरीफ मौसम में धान खरीदारी की भी स्थिति खराब रही. 55 हजार एमटी लक्ष्य के विरुद्ध 20 प्रतिशत से भी कम धान की खरीदारी इस जिले में हुई थी. गेहूं खरीदारी आरंभ होने के पूर्व यह उम्मीद थी कि इस बार स्थिति में सुधार होगी, लेकिन प्रगति धान की खरीदारी से भी बदतर रही. आंकड़े यह बता रहे हैं कि तीन माह में गेहूं खरीदारी के नाम पर महज खानापूर्ति हुई है.
मुख्य सचिव का आदेश भी बेअसर
गेहूं खरीदारी को लेकर पांच तथा आठ मार्च को विभागीय सचिव पंकज कुमार 16 अप्रैल को मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी किये गए आदेश का भी अनुपालन नहीं किया गया. जानकार बताते हैं कि राज्य स्तर से डीएम व प्रमण्डलीय आयुक्त को पत्र लिखकर गेहूं खरीदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, बगैर किसी कठिनाई के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने की व्यवस्था करने, पंजीकृत किसानों से ही गेहूं खरीदने, व्यापारी एवं बिचौलिये से गेहूं न खरीदने के निर्देश दिये हैं.
इतना ही नहीं मुख्य सचिव ने किसी भी स्तर पर गेहूं खरीदारी में शिथिलता या फिर लापरवाही बरतने पर इसे गंभीरता से लिये जाने की बात कही है, लेकिन जिले में लापरवाही का आलम यह रहा कि महज 68 किसानों से ही उक्त अवधि में गेहूं खरीदे गए. इतना ही आधे से क्रय केन्द्र पर तो 30 जून तक ताले लगे रहे यानी खरीदारी शुरु भी नहीं हो सकी.
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