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घोड़े पर आएंगी मां भगवती, चैत नवरात्र छह से शुरू, बारह को होगी अष्टमी की निशा पूजा

खगड़िया/गोगरी : सनातन धर्म का सर्वमान्य नवसंवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 6 अप्रैल दिन शनिवार से शुरू हो रहा है. इसी के साथ वासंतिक नवरात्रि भी प्रारंभ हो जायेंगे. चैत नवरात्र में आद्य-शक्ति जगदम्बा के साथ नव गौरी के दर्शन पूजन का पुण्य फलदायक विधान है. गोगरी के भोजुआ निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित सुभम कुमार सावर्ण ने […]

खगड़िया/गोगरी : सनातन धर्म का सर्वमान्य नवसंवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 6 अप्रैल दिन शनिवार से शुरू हो रहा है. इसी के साथ वासंतिक नवरात्रि भी प्रारंभ हो जायेंगे. चैत नवरात्र में आद्य-शक्ति जगदम्बा के साथ नव गौरी के दर्शन पूजन का पुण्य फलदायक विधान है.

गोगरी के भोजुआ निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित सुभम कुमार सावर्ण ने बताया कि इस नवरात्रि में नवमी तिथि के क्षय होने से इस बार अष्टमी/नवमी तिथि का मान 13 अप्रैल को होगा.
इस कारण देवी भक्त नवमी का व्रत 13 तारीख दिन शनिवार को करेंगे. साथ ही सप्तमी तिथि 12 अप्रैल को दिन में 10 बजकर 18 मिनट तक ही है. अत: अष्टमी तिथि की महानिशा पूजा 12 अप्रैल को ही यानी शुक्रवार की रात्रि में की जायेगी.
आचार्य ने कहा कि खास बात जानने योग्य यह है कि 14 अप्रैल को प्रात: 6 बजे तक ही नवमी है. अत: इसके पूर्व ही नवरात्रि अनुष्ठान की समाप्ति का हवन-पूजन कर लेना बेहतर होगा. वहीं, नवरात्रि व्रत किए भक्तगण पारण इसी दिन प्रात: 6 बजे के बाद दशमी तिथि में यानि दिन रविवार को कर लेंगे.
ज्योतिषाचार्य सुभम कुमार सावर्ण ने बताया कि शनिवार को प्रतिपदा में कलश स्थापना में मां भगवती का वासंतिक नवरात्रि में इस बार आगमन घोड़े से हो रहा है. वहीं, मुर्गे पर सवार होकर जाएंगी.
जो राजनीतिक व्याकुलता एवं व्यग्रता का संकेत है. धर्मशास्त्र के अनुसार मां भगवती की उपासना में कलश स्थापन प्रतिपदा तिथि में प्रात: समय किया जाना सर्वोत्तम है. यदि सुबह के समय कलश स्थापना में कोई अड़चन पैदा हो रही है तो वे मध्याह्न अभिजीत मुहूर्त (11.30 से 12.18 बजे के मध्य) में विकल्प के रूप में कर सकते हैं.
हालांकि, पंडित का यह भी कहना है कि प्रतिपदा तिथि दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक है. इस कारण कलश स्थापन सुविधानुसार किसी भी समय किया जा सकता है.
महाष्टमी व नवमी व्रत एक ही दिन : आचार्य ने बताया कि महाष्टमी का व्रत 13 अप्रैल दिन शनिवार को उदया तिथि में किया जायेगा.वहीं, नवमी तिथि का क्षय होने से इसी दिन अनुदया नवमी तिथि में नवमी का व्रत भी किया जायेगा.
पं. सुभम सावर्ण ने बताया कि 14 अप्रैल को प्रात: 6 बजे तक ही नवमी है.अत: नवरात्र अनुष्ठान समाप्ति का हवन पूजन का कार्य इससे पूर्व ही कर लेना उचित होगा.हालांकि, उदया तिथि को मानने वाले इसी दिन रामनवमी पूजा करेंगे.
चौथम में चैती दुर्गा मेला की तैयारी जोरों पर
चौथम. प्रखंड के फर्रेह गांव में कई वर्षों से चैती दुर्गा मेला का आयोजन किया जा रहा है. इस बार भी आयोजकों द्वारा मेला की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. मेला कमेटी के अध्यक्ष सह उप प्रमुख अभय किशोर आनंद उर्फ गोपाल राय, सचिव मुकेश कुमार तांती कोषाध्यक्ष श्रवण यादव, मेला मालिक कृष्णदेव राय आदि ने बताया कि मेला की शुरुआत गांव के ही नाथो राय, सिंघेश्वर महतो, शनिचर साह, भागवत मिस्त्री एवं बिरजू तांती ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी धूमधाम से मेला का आयोजन किया जायेगा. मेले के दौरान नाटक का भी मंचन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को रामनवमी है.
जबकि 14 एवं 15 अप्रैल को डोली और दहेज एवं घुंघरू नाटक का मंचन किया जायेगा. मेला को सफल बनाने के लिए उप मुखिया पंकज कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष शुशील शर्मा, विकास कुमार तांती, सुनील कुमार, नवीन सिंह, राजो महतो, चितरंजन, अमर आदि सहयोग कर रहे हैं.

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