खगड़िया : बेलदौर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड परियोजना पदाधिकारी/सीडीपीओ श्वेता कुमारी को सुनवाई के बाद दंडित किया गया है. डीएम द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के आधार सुनवाई करते हुए बेलदौर प्रखंड के पूर्व सीडीपीओ को आर्थिक दण्ड दिया गया. विभागीय जानकारी के मुताबिक असंच्यात्मक प्रभाव से इनके दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने के आदेश जारी किये गये हैं.
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विशेष सचिव ने की जांच,बेलदौर सीडीपीओ पर हुई कार्रवाई, दो वेतन वृद्धि पर लगी रोक
खगड़िया : बेलदौर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड परियोजना पदाधिकारी/सीडीपीओ श्वेता कुमारी को सुनवाई के बाद दंडित किया गया है. डीएम द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के आधार सुनवाई करते हुए बेलदौर प्रखंड के पूर्व सीडीपीओ को आर्थिक दण्ड दिया गया. विभागीय जानकारी के मुताबिक असंच्यात्मक प्रभाव से इनके दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने के आदेश […]
पूर्व सीडीपीओ पर की गई कार्रवाई को लेकर समाज कल्याण विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी किया गया है. जिसकी सूचना आरोपी पदाधिकारी (सीडीपीओ) सहित डीएम, डीपीओ वित्त विभाग आदि जगहों पर भेजी गयी है. उल्लेखनीय है कि सीडीपीओ श्वेता कुमारी मुजफ्फरपुर जिले के ढोली प्रखण्ड में पदस्थापित हैं.
कुछ माह पूर्व ही इनका स्थानांतरण खगड़िया जिले से ढ़ोली प्रखण्ड में हुआ है. बता दें कि इसी माह मानसी प्रखण्ड के भी पूर्व सीडीपीओ मधु प्रियदर्शणी को राज्य स्तर निंदन की सजा मिली है. इन पर सेविका सहायिका के मैपिंग पंजी में गड़बड़ी करने के आरोप में कार्रवाई हुई है. डीएम ने इनके विरुद्ध भी आरोप-पत्र गठित कर राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी थी.
डीएम ने आरोप गठित कर की थी, कार्रवाई की अनुशंसा
अपने कार्यकाल के दौरान ये (सीडीपीओ) चर्चा/विवादों में रही थी. बेलदौर के साथ-साथ चौथम प्रखण्ड के भी सीडीपीओ ये रही थी. इन दोनों प्रखण्डों में इन पर कार्य में लापरवाही, उदासीनता सहित कुछ अन्य गंभीर आरोप लगे थे.
जिसके लिये दोनों प्रखण्डों के लिये इन पर आरोप गठित कर 23 फरवरी 2018 को डीएम जय सिंह विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से की थी. बताया जाता है कि पूर्व सीडीपीओ पर दोनों प्रखण्डों में अलग-अलग प्रपत्र क गठित किये गये थे.
डीएम के भेजे रिपोर्ट पर राज्य स्तर से भी दोनों प्रखण्डों में लगे आरोपों की सुनवाई के लिये अलग-अलग संचालन तथा प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किये गये हैं. बताया जाता है कि बेलदौर प्रखण्ड के मामले में सुनवाई पूरी हो गयी है. विभागीय विशेष सचिव वीरेन्द्र कुमार ने सुनवाई करते हुए रिपोर्ट सौंपी थी. जिसके बाद इन्हें सजा सुनाई गयी है. बता दें कि सीडीपीओ पर दोनों प्रखण्डों में गंभीर में आरोप गठित किये गये थे.
बेलदौर प्रखण्ड में जहां सीडीपीओ श्वेता कुमारी पर रोकड़ पंजी व विपत्र निर्माण के पश्चात उस पर हस्ताक्षर नहीं करने, सेविका/सहायिका के चयन से संबंधी आवेदन पंजी को निरीक्षण की तिथि तक बंद नहीं करने, डीबीएनपी के तहत अभिश्रव पारित नहीं करने के कारण आरोप-पत्र गठित किये गए थे, वहीं चौथम प्रखण्ड में इनके विरुद्ध टीएचआर का वितरण नहीं करने सहित कई आरोप-पत्र गठित हुए थे.
सीडीपीओ व प्रधान सहायक के बीच विवाद के कारण कई विभागीय कार्य हुए थे प्रभावित
उल्लेखनीय है कि सीडीपीओ व प्रधान सहायक के बीच विवाद के कारण उस दौरान विभागीय कई कार्य प्रभावित हुए थे. सीडीपीओ के साथ-साथ प्रधान सहायक वीरेन्द्र कुमार सिंह भी बेलदौर तथा चौथम प्रखण्ड के चार्ज में थे.
बताया जाता है कि दोनों के बीच विवाद के कारण दोनों प्रखण्डों में टीएचआर वितरण के साथ-साथ बच्चों को कई दिनों तक पोषाहार से वंचित रहना पड़ा था. इसके अलावे इन दोनों के कारण अन्य विभागीय कार्य भी प्रभावित हुए थे. जिसके कारण तत्कालीन डीएम ने सीडीपीओ के साथ-साथ प्रधान सहायक के विरुद्ध भी आरोप-पत्र गठित कर कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
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