खगड़ियाः जिले में वर्ष 1995 से 2011 तक संचालित कई योजनाओं से संबंधित मांगी गयी सूचना पर कोई भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. हाइकोर्ट के डबल बेंच द्वारा जारी आदेश के बाद केस संख्या 39624/10-11 की सुनवाई दो अप्रैल तथा पांच मई को की गयी है. किंतु इन दोनों सुनवाई में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इतनी बड़ी व लंबी अवधि की सूचना आवेदक को किस प्रकार दी जाय अथवा सूचना नहीं दी जाय.
दोनों बार हुई सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी तथा आवेदक मनोज कुमार मिश्र राज्य सूचना आयोग में उपस्थित होकर अपने-अपने पक्ष को रखा है. अब इस मामले की पुन: 30 मई को सुनवाई की जायेगी. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शायद उक्त तिथि को ही कोई स्पष्ट आदेश आयेगा.
क्या कहना है दोनों पक्ष का
पांच मई को मुख्य सूचना आयुक्त आरजेएम पिल्ले ने इस मामले की सुनवाई की. जिस दौरान डीडीसी ने डीएम के जवाब को आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया. डीएम ने आयोग को भेजे जवाब में आरटीआइ की धारा 7(9) का उल्लेख करते हुए कहा था कि इतनी बड़ी एवं लंबी सूचना देने में काफी समय लगेगा तथा विभागीय कार्य भी प्रभावित होंगे. डीएम ने पांच पृष्ठ में भेजे अपने जवाब में कहा है कि आवेदक के द्वारा 15 वर्ष की सूचना मांगी गयी है, इतने समय में जिले के सभी 129 पंचायत, सात प्रखंड तथा जिला स्तर पर 20 हजार 265 मीटिंग आयोजित हुई है. सूचना बड़ी एवं सरकारी कार्य प्रभावित होने की बातें कहते हुए डीएम ने धारा 7 (9) के तहत जहां कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
वहीं आवेदक श्री मिश्र का कहना था कि उनका सूचना भ्रष्टाचार एवं मानवाधिकार के उल्लंघन से संबंधित है. इसलिए उन्हें सूचना दिलायी जाय. जिस पर मुख्य सूचना आयुक्त ने आवेदक को डीएम के द्वारा दिये गये जवाब पर अपनी आपत्ति देने को कहा है.