महेशखूंट स्टेशन से हर वर्ष सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है
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महेशखूंट स्टेशन पर यात्री शेड का अभाव
महेशखूंट स्टेशन से हर वर्ष सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है महेशखूंट रेलवे स्टेशन पर न तो शौचालय की उत्तम व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल की महेशखूंट : बरौनी-कटिहार रेलखंड के बीच महेशखूंट स्टेशन पर यात्री शेड का अभाव है. जिस कारण कड़ी धूप में भी यात्रियों को घंटों खड़े रहकर […]
महेशखूंट रेलवे स्टेशन पर न तो शौचालय की उत्तम व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल की
महेशखूंट : बरौनी-कटिहार रेलखंड के बीच महेशखूंट स्टेशन पर यात्री शेड का अभाव है. जिस कारण कड़ी धूप में भी यात्रियों को घंटों खड़े रहकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है. प्रति वर्ष लाखों रुपये की आय देने वाला महेशखूंट स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है. बरसात के समय में पानी से व गर्मी के समय में धूप से परेशानी होना यात्रियों की नियति बन गयी है. यात्री सुविधा की मांग को लेकर कई बार रेल उपभोक्ता संघर्ष समिति ने स्टेशन परिसर में धरना दिया.
इसके बावजूद यात्री सुविधा पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है. प्रति वर्ष लाखों रुपये की आय देने वाला महेशखूंट रेलवे स्टेशन पर न तो शौचालय की उत्तम व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल की. उक्त मार्ग होकर आधा दर्जन से अधिक सवारी गाड़ी तथा कई एक्सप्रेस गाड़ी का ठहराव होता है. मालूम हो कि सहरसा, मधेपुरा आदि जिला के यात्री दूर सफर करने के लिए यहा आते हैं. स्टेशन से प्रत्येक साल सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है. फिर भी यात्री के लिए समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री को नराज होना पड़ता है. स्टेशन परिसर में वाटर सप्लाई के अभाव के कारण शौचालय गंदा व जाम पड़ा रहता है. यात्री को सोच के लिए अन्य जगह भटकना पड़ता है. खास कर के महिला यात्री को ओर भी परेशानी के सामना करना पड़ता है. स्टेशन परिसर को साफ करने के लिए सफाई कर्मचारी की कमी होने की बात कही गयी.
टिकट कटाने में होती है मारामारी
एक टिकट काउंटर रहने के कारण महिला व पुरुष यात्री एक साथ लाइन में खड़े होकर टिकट कटाते है. कभी-कभी टिकट काटने के चक्कर में यात्री का ट्रेन भी छूट जाता है. टिकट कटाने में यात्रियों के बीच प्रत्येक दिन मारामारी होती है.
तीन घंटा ही बनता है आरक्षण टिकट
अधिकांश रेलवे स्टेशन में 24 घंटा आरक्षण टिकट बनाने की व्यवस्था है. लेकिन इस स्टेशन में मात्र तीन घंटा 12 से 3 बजे तक ही आरक्षण टिकट बनाने की सुविधा है. आरक्षण टिकट बनाते समय तत्काल टिकट नहीं बन पाता है. यात्री को दूर सफर करने के लिए अन्य जगहों से टिकट बनवाना पड़ता है.
बैठने के लिए नहीं है यात्री शेड
यात्रियों के बैठने के लिए यात्री शेड नहीं हैं. जिस कारण सफर करने वाली गाड़ी का इंतजार घंटों खड़े खड़े या फर्श पर बैठ कर करते हैं. प्लेटफॉर्म पर नंबर अंकित नहीं होने से यात्री को पता नहीं चल पाता है कि कौन एक या दो नंबर का प्लेटफाॅर्म है. स्थानीय बंटी गुप्ता, राजकिशोर यादव, अजय शंकर गुप्ता, बासूदेव बिहारी, भीम साह, अरुण केसरी, नरेश मोहन ठाकुर आदि ने बताया कि स्टेशन से सरकार को सलाना करोड़ों का राजस्व प्राप्त होने के बाद भी यात्री की सुविधा नदारद होना रेल विभाग की लापरवाही या उदासीनता प्रतीत होता है.
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