पुलिस ने कफ सिरप के कारोबारी डॉक्टर को लिया हिरासत में
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पंद्रह सौ बोतल कफ सिरप बरामद
पुलिस ने कफ सिरप के कारोबारी डॉक्टर को लिया हिरासत में युवाओं की टीम बनाकर करता था कफ सिरप सप्लाय पहले ड्रग्स और बाद में कफ सिरप की लगाता था लत चौथम : स्थानीय पुलिस ने गुरुवार को छापेमारी कर कफ सिरप (कोडीन) की पंद्रह सौ बोतल जप्त किया है. पुलिस ने कफ सिरप कोडीन […]
युवाओं की टीम बनाकर करता था कफ सिरप सप्लाय
पहले ड्रग्स और बाद में कफ सिरप की लगाता था लत
चौथम : स्थानीय पुलिस ने गुरुवार को छापेमारी कर कफ सिरप (कोडीन) की पंद्रह सौ बोतल जप्त किया है. पुलिस ने कफ सिरप कोडीन के धंधेबाज डॉक्टर जमशेद आलम को भी हिरासत में लिया है. झोला छाप डॉक्टर जमशेद आलम चौथम थाना के महज 50 मीटर की दूरी पर बेखौफ लंबे अरसे से बड़े पैमाने पर कोडीन कफ सिरप का धंधा करता था. जमशेद ने कोडीन की बिक्री के लिए रैकेट तैयार कर रखा था. वह इस धंधे का मुख्य सप्लायर था. बताया जाता है कि चौथम सहित बेलदौर थाना क्षेत्र में इसका रैकेट बेखौफ धंधा करता था.
थानाध्यक्ष मुकेश कुमार, एएसआइ मनोज त्रिपाठी, एएसआइ श्याम मूरत सिंह सहित पुलिस बल ने छापेमारी के दौरान कोडिंग का जखीरा पकड़ा. पकड़े गये कोडीन फॉस्फेट की बोतल विंडलास बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित है. बोतल पर जुलाई 2017 में निर्मित एवं जून 2019 में एक्सपायरी अंकित है. सौ एमएल की एक बोतल प्रोटीन की कीमत 99 रुपया अंकित है. जिसे धंधेबाज ने 150 रुपये में बेचने की बात कही. बिना चिकित्सक की सलाह के युवा दुकान से कोडीन कफ सिरप खरीद कर नशा के रूप में प्रयोग करते थे. यही कारण है कि डा जमशेद के दुकान पर प्रतिदिन युवाओं की भीड़ लगी रहती थी.
पैसे के लिए चिकित्सक कर रहा था मौत का धंधा
लोगों को मौत से उबारकर जीवन देने वाला डॉक्टर जमशेद पैसे की लालच में खासकर युवकों की मौत का सौदा करता था. इस मौत के धंधे की सौदागर की टीम पहले तो युवकों को ड्रग्स की लत का आदी बनाता था. जब युवक इस लत का शिकार हो जाता तो इसके बिना युवक का जीना दुश्वार बन जाता है. इसके लिए युवक घर से बाहर तक गलत धंधे पर उतर आते हैं.
कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि बेलदौर थाना क्षेत्र के चोढ़ली गांव निवासी झोला छाप डाॅ जमशेद आलम को 15 सौ बोतल कफ सिरप के साथ गिरफ्तार किया गया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. उन्होंने बताया कि डा के नाम से विख्यात जमशेद युवाओं के बीच कफ सिरप बेचकर युवाओं को नशे के जाल में फंसा रहा था. उन्होंने बताया कि डा जमशेद ने इस रैकेट में कई युवाओं को शामिल कर रखा है.
कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टर प्रेम कुमार ने बताया कि कोडीन खासकर दमा रोगियों को सेवन कराया जाता था. जब इसका प्रयोग नशा के रूप में किया जाने लगा तो सरकार ने चिकित्सक के सलाह से ही दवा का उपयोग करने का आदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि कोडीन में चरस की आंशिक मात्रा रहती है. इसके अधिक सेवन से फेफड़े की बीमारी मस्तिष्क सहित नपुंसकता का शिकार होना पड़ता है.
क्या है नियम
कफ सिरप कोडीन चिकित्सक के सलाह पर ही बेचने का आदेश है. खुदरा दवा दुकानदार दुकान में मात्र 10 कफ सिरप रखकर निबंधित चिकित्सक की सलाह पर पीड़ित व्यक्ति को बेच सकता है. थोक विक्रेता दुकान में मात्र 50 बोतल ही कोडीन रख सकता है. जबकि झोला छाप डाॅ जमशेद की दुकान से अवैध रूप से 15 सौ बोतल कोडीन बरामद की गयी है.
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