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लापरवाही में सदर प्रखंड है अव्वल

खगड़िया : लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के छह वर्ष पूरे होने के बाद भी लोगों को पूरी तरह से राहत नहीं मिली है. पेंशन योजना की स्वीकृति के लिए लोगों की चप्पलें घिस जाती है, तब कहीं जाकर उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाता है. वैसे इस अधिनियम को सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट […]

खगड़िया : लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के छह वर्ष पूरे होने के बाद भी लोगों को पूरी तरह से राहत नहीं मिली है. पेंशन योजना की स्वीकृति के लिए लोगों की चप्पलें घिस जाती है, तब कहीं जाकर उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाता है. वैसे इस अधिनियम को सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि पंचायत सचिवों के रहमोकरम पर पेंशन योजना का लाभ वैसे व्यक्तियों को मिल पाता है, जो उनकी महत्वाकांक्षा की पूर्ति करते हैं.
कई बार ऐसी भी शिकायत सामने आ चुकी है कि सभी कागजात पूरे होने के बाद भी उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाता है. वे प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते घर बैठ जाते हैं. इस अधिनियम के प्रति पंचायत सचिवों की लापरवाही भी कम नहीं है. शायद यही कारण है कि खगड़िया, चौथम व अलौली में पेंशन योजना का शत-प्रतिशत आवेदन समय-सीमा के अंदर निष्पादित नहीं हो पाता है.
लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी विकलांग योजना, बिहार विकलांग योजना, लक्ष्मीबाई पेंशन योजना का शत-प्रतिशत आवेदन तय कार्य दिवस में निष्पादित नहीं हो पाता है.
इतना ही नहीं तय कार्य दिवस के बाद भी सैकड़ों आवेदनों का निष्पादन नहीं हो पाता है. जानकारी के अनुसार दिनांक 1 सितंबर से 1 नवंबर 2017 तक सदर प्रखंड कार्यालय में पेंशन योजना का सर्वाधिक 70 आवेदन कालबाधित हो गया. इसी प्रकार 1 सितंबर से 1 नवंबर 17 तक अलौली में 21 व चौथम में 47 आवेदन कालबाधित हो गया.

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