खबर का असर. गोगरी में एक सप्ताह से नहीं था डेंगू जांच किट, मरीज हो रहे थे परेशान
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अस्पताल प्रशासन ने खरीदा डेंगू जांच किट
खबर का असर. गोगरी में एक सप्ताह से नहीं था डेंगू जांच किट, मरीज हो रहे थे परेशान खबर छपने के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग अस्पताल प्रबंधक ने खरीदा 20 डेंगू जांच किट गोगरी : गोगरी रेफरल अस्पताल में 20 डेंगू जांच किट की खरीदारी की गयी है. सोमवार को प्रभात खबर में “डेंगू जाँच […]
खबर छपने के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग
अस्पताल प्रबंधक ने खरीदा 20 डेंगू जांच किट
गोगरी : गोगरी रेफरल अस्पताल में 20 डेंगू जांच किट की खरीदारी की गयी है. सोमवार को प्रभात खबर में “डेंगू जाँच किट ख़त्म,सोया है स्वास्थ्य विभाग” शीर्षक से खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. इसके बाद रेफरल अस्पताल प्रबंधन और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने निजी स्तर से आनन-फानन में 20 डेंगू जांच किट की खरीदारी कर ली.
सोमवार को हुई डेंगू की जांच
सोमवार को गोगरी के धनेश्वर मंडल,पसराहा के संजीव कुमार और जमालपुर के रिजवान में डेंगू की आशंका बाद जांच की गयी. इसमें एक मरीज जमालपुर निवासी रिजवान में डेंगू के लक्षण पाये गये. बता दें कि शहर में डेंगू तेजी से फैल रहा है. इसके बावजूद रेफरल अस्पताल में करीब एक सप्ताह से डेंगू जांच किट उपलब्ध नहीं था. विभाग के द्वारा अभी तक में सिर्फ 80 डेंगू जांच किट अस्पताल को उपलब्ध करवाया गया था, जो कि समाप्त हो चुका था. नतीजतन, निजी जांच घर के भरोसे डेंगू मरीजों की जांच हो रही थी.
डेंगू के डंक से दहशत का माहौल
शहर में तेजी से फैल रहे डेंगू के वायरस के बाद भी लार्वा मारने के लिए फॉगिंग नहीं हो रही है. नगर पंचायत और स्वास्थ्य विभाग को कोई परवाह नहीं है. लोगों में दहशत का माहौल है. बुखार की चपेट में हर घर के लोग आ रहे हैं. भयवश लोग साधारण बुखार को भी डेंगू समझ कर जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं.
कैसे फैलता है डेंगू
मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के डंक मारने से होनेवाले संक्रमण से डेंगू फैलता है. यह मच्छर दिन में डंक मारता है, तो रक्त में डेंगू के वायरस प्रवेश कर जाते हैं. 8 से 10 दिनों में रोग के लक्षण दिखने लगते हैं. चिकित्सक के मुताबिक मलेरिया व डेंगू के प्रति भी लोग सावधान रहें. जरा सी लापरवाही में बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में डेंगू व मलेरिया से खास सतर्कता बरतने की जरूरत है.
जागरूकता ही बचाव
डेंगू विषाणु (वायरस) जनित रोग है. इसके वाहक एडीज मच्छरों की दो प्रजातियां हैं. इनमें चार प्रकार के वायरस (एक, दो, तीन, चार) होते हैं. डेंगू मच्छर (एडीज) दिन में काटता है और डेढ़-दो फुट की ऊंचाई पर देखा जा सकता है. इस मच्छर पर सफेद रंग के चकते होते हैं. साथ ही यह जमा पानी वाली जगह पर पाये जाते हैं.
ऐसे होगा बचाव
घर, स्कूल व ऑफिस के आसपास पानी एकत्र न होने दें.
जलजमाव होने पर उसमें मिट्टी तेल या जला मोबिल डालें.
कूलर का पानी साफ कर बंद करें.
मिट्टी का तेल या जले मोबिल का छिड़काव करें.
मच्छरदानी का प्रयोग, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.
छतों पर टायर व पुराने बर्तनों में जलभराव न होने दें.
कूलर आदि का पानी बदलते रहें.
घर की बगल में गड्ढों व खाली प्लॉटों में जलभराव न होने दें.
मच्छरदानी का प्रयोग करें.
पूरी बांह के कपड़े पहनें.
खिड़कियों, रोशनदान पर महीन जाली लगायें.
बुखार आदि आने पर चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार रक्त संबंधी जांच कराएं.
डरने की जरूरत नहीं
हर बुखार डेंगू नहीं हो सकता है. आम बुखार में भी प्लेटलेंट्स गिरता है. एक लाख से नीचे प्लेटलेट्स होने पर चिंता की बात होती है. रेफरल अस्पताल में इलाज की सुविधा है. जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं था. निजी स्तर से जांच किट खरीद लिया गया है. साथ ही विभाग को रोज रिपोर्ट भेजी जा रही है.
डॉ चंद्रप्रकाश, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल गोगरी
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