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लौट गयी राशि, नहीं मिली छात्रवृत्ति

होगी कार्रवाई . प्रधानाध्यापक व वरीय अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण प्रधानाध्यापक की लापरवाही के कारण सरकारी खजाने में राशि लौटा दी गयी, लेकिन छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली. इस मामले में शिक्षा व कल्याण विभाग के पदाधिकारी की लापरवाही भी उजागर हुई है. खगड़िया : छात्रवृत्ति की राशि रखी रही लेकिन लापरवाही के कारण छात्रों […]

होगी कार्रवाई . प्रधानाध्यापक व वरीय अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

प्रधानाध्यापक की लापरवाही के कारण सरकारी खजाने में राशि लौटा दी गयी, लेकिन छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली. इस मामले में शिक्षा व कल्याण विभाग के पदाधिकारी की लापरवाही भी उजागर हुई है.
खगड़िया : छात्रवृत्ति की राशि रखी रही लेकिन लापरवाही के कारण छात्रों को नहीं मिल पायी. छात्रवृत्ति वितरण नहीं होने पर राशि वापस लौटा दी गयी. लेकिन छात्र को भुगतान नहीं किया गया. ये लापरवाही नहीं तो और क्या है? शिक्षक की मनमानी व शिक्षा व कल्याण विभाग के पदाधिकारी की पर्यवेक्षण के प्रति उदासीनता के कारण दलित छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि से वंचित रहना पड़ गया. ऐसा नहीं था कि छात्रवृत्ति की राशि उपलब्ध नहीं थी.
बेलदौर से जुड़ा है मामला
यह मामला बेलदौर प्रखंड अवस्थित प्राथमिक विद्यालय कदवा का है. जहां वर्ष 15-16 में अनुसूचित जाति/जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई गयी. पहले यह मामला अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी गोगरी में दायर किया गया था. फिर इसे जिला स्तर प्रथम अपील के तहत दायर किया गया.
इस मामले की सुनवाई के दौरान डीडब्लू से रिपोर्ट मांगी गयी थी. जिसके जवाब में डीडब्लूओ ने लोक शिकायत एडीएम को लिखित में कहा है कि कदवा प्राथमिक विद्यालय को प्रर्याप्त मात्रा में राशि उपलब्ध करा दी गयी थी. डीडब्लूओ ने यह भी खुलासा किया है कि करीब डेढ़ वर्ष बाद उक्त विद्यालय के एचएम ने डीडी के जरीये यह राशि वापस कर दी गयी. उन्होंने छात्रवृत्ति की राशि का वितरण एचएम द्वारा नहीं किये जाने की बातें कही है. डीडब्लूओ ने यह रिपोर्ट दी है कि 10 मार्च 2016 को वित्तीय वर्ष 15-16 के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के प्री मैट्रिक छात्र व छात्राओं के लिए 24 लाख 900 रूपये दिये गये थे. जबकि चार सितम्बर 2015 को 26 लाख 100 रुपये उक्त विद्यालय को दिये गये थे.
लौटा दी गयी करीब 24.25 लाख की राशि, निराश रह गये कई छात्र
पर्याप्त राशि रहने के बाद भी वितरण किये बगैर ही करीब डेढ़ साल बाद यानि 15 जुलाई 2017 को बैंक डीडी के जरिये 24 लाख 900 रूपये वापस कर दिये गये. मतलब साफ है कार्रवाई के डर से आनन फानन में विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने विभाग को पैसा वापस लौटा दिया. वो भी सिर्फ मूलधन की राशि है इस राशि का करीब डेढ़ साल का ब्याज का अबतक कोई हिसाब नहीं है. उल्लेखनीय है कि इन्होंने 24 लाख 9 सौ रुपये के डेढ़ वर्ष बाद लौटाया है. अगर यह राशि बचत खाता में रखी गयी थी
तो इसका ब्याज कहां है? हालांकि जांच का विषय यह भी है कि यह राशि बैंक के चालू या फिर बचत खाते में रखी गयी थी? सुनवाई के दौरान लापरवाही वे मनमानी प्रमाणित होने के बाद लोक शिकायत एडीएम ने अब कार्रवाई करने के आदेश जारी किये हैं. जिसके बाद छात्रवृत्ति वितरण में लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापक सहित अधिकारियों की सांसे फूलने लगी हैं. वहीं इस कार्रवाई की बात सामने आने के बाद कई प्रधानाध्यापक सावधानी बरत रहे हैं.
प्रधानाध्यापक की लापरवाही उजागर
बताया जाता है कि राशि विद्यालय को उपलब्ध करा दी गयी थी. लेकिन उस राशि को बांटने की जगह विद्यालय प्रधान लापरवाह बने रहे और राशि बैंक खाते की शोभा बढाती रही. बाद में राशि को वापस लौटा दिया. जिससे छात्रवृत्ति से छात्रों को महरुम रहना पड़ा. अब जिम्मेवार विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई तय है.
मामला सामने आने व प्रधानाध्यापक की मनमानी लापरवाही के खुलासे के बाद अब उन पर कठोर कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं. लोक शिकायत निवारण अधिकारी सह एडीएम विजय कुमार सिंह ने संबंधित प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछने व जबाव संतोषजनक नहीं रहने पर उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारी को दिया है.
एचएम के अलावे छात्रवृत्ति राशि कि वितरण करवाने के लिए जवाबदेह शिक्षा व कल्याण विभाग के पदाधिकारी से भी स्पष्टीकरण मांगने का आदेश लोक शिकायत एडीएम ने जारी किया है. जारी आदेश में श्री सिंह ने कहा है कि निरीक्षण व पर्यवेक्षण नहीं होने के कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने इस उदासीनता व लापरवाही के लिए जिम्मेवार पदाधिकारी से भी जबाव मांगने को कहा है.

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