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आशा बन गयी हैं डॉक्टर

खगड़िया : प्रशासन के नाक के नीचे स्थानीय स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से गोगरी सहित जिले के कई भागों में और भी दर्जनों फर्जी क्लिनिक में जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. स्थिति यह है कि सिविल सर्जन कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में ही कई क्लिनिक ऐसे हैं, जो सरकारी मापदंड […]

खगड़िया : प्रशासन के नाक के नीचे स्थानीय स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से गोगरी सहित जिले के कई भागों में और भी दर्जनों फर्जी क्लिनिक में जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. स्थिति यह है कि सिविल सर्जन कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में ही कई क्लिनिक ऐसे हैं, जो सरकारी मापदंड को ताक पर रख कर संचालित हैं. कई क्लिनिक तो आशा कार्यकर्ताओं के दम पर चल रहे हैं.

बताया जाता है कि प्रति मरीज आशा कार्यकर्ताओं को तय राशि दी जाती है. शनिवार को गोगरी के मुश्कीपुर में आशा कार्यकर्ता पूनम कुमारी द्वारा संचालित फर्जी नर्सिंग होम में अप्रशिक्षित लोगों द्वारा बड़े बड़े ऑपरेशन कर जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जाता था. इसके एवज में मनचाही राशि ली जाती थी. मरीज बच गया तो ठीक वरना रेफर करके दूसरे अस्पताल तक पहुंचा दिया जाता था. कई मरीजों को तो पता भी नहीं रहता कि उसका इलाज या ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर है या फिर कोई और .

अब तो आशा कार्यकर्ता ही निजी क्लिनिक खोलकर मरीजों का दोहन करने में लग गयी है. कई अस्पतालों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा मरीजों को खासकर प्रसव के लिये आयी महिलाओं को बरगला कर निजी क्लिनिक में भेजने की बात सामने आ चुकी है. बताया जाता है कि प्रति मरीज आशा कार्यकर्ता को बंधी बंधाई रकम मिल जाती है और इधर, मरीज को चूसने में निजी क्लिनिक संचालक लग जाते हैं. ताज्जुब की बात है कि यह खेल कई महीनों से गोगरी प्रखंड में चल रहा था. जहां पूनम नर्सिंग होम पूनम नामक आशा कार्यकर्ता चला रही थी. जहां बड़े बड़े ऑपरेशन अप्रशिक्षित लोगों द्वारा किये जाने की खबर है. इससे पहले भी जिले के कई सरकारी अस्पतालों में दलाली व रिश्वतखोरी का खुलासा हो चुका है. अलौली पीएचसी में तो बजाप्ता कार्यालय देकर दलालों से सरकारी कागजात की लिखा-पढ़ी सहित कई महत्वपूर्ण काम निबटाये जा रहे थे.

जिले में संचालित निजी नर्सिंग होम की शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई करने में देरी नहीं की जाती है. गोगरी में शिकायत मिलने पर तुरंत टीम बना कर छापेमारी की गयी. जल्द ही टीम बना कर जिले के सभी निजी क्लिनिकों की जांच की जायेगी.

डॉ अरुण कुमार सिंह, सीएस.

करीब-करीब सभी नर्सिंग होम में बड़े-बड़े ऑपरेशन किये जाते हैं. कभी-कभी ऑपरेशन के दौरान रोगी की मौत भी हो जाती है. इसकी भनक प्रशासन को नहीं लग पाता है.यदि कभी पता लग भी जाता है तो वादी के अभाव में मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

गोगरी के मुश्कीपुर कोठी स्थित वार्ड 20 में शनिवार को आरोग्यधाम पूनम नर्सिंग होम नामक एक निजी अस्पताल पर छापा मारा गया. तभी से वह अस्पताल बंद है. वहीं दर्जनों अवैध जांच घरों में बिना टेक्नीशियन व पैथोलॉजिस्ट के बड़ा से बड़ा जांच धड़ल्ले से किया जाता है.हालांकि कुछ पेशेवर चिकित्सकों द्वारा 50 फीसदी कमीशन लेकर जांच घर संचालकों द्वारा तैयार किये गये जांच रिपोर्ट पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर दिया जाता है.

हालांकि इस अवैध व्यापार की पूरी जानकारी रेफरल अस्पताल से लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग को भी है. लेकिन कड़ी कार्रवाई हो तब ना. कुछ दिनों पहले गोगरी में ही एक फर्जी क्लिनिक में करीब एक लाख रुपये ऐंठने के बाद मरीज को बेगूसराय में मरने के लिये छोड़ दिया गया था.

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