विक्रेताओं को प्रतिष्ठान में उपलब्ध स्टॉक एवं थोक व खुदरा मूल्य की सूची स्थानीय प्रशासन को कराना होगा मुहैया
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बिना लाइसेंस के दाल व खाद्य तेल बेचने पर कारोबारी नपेंगे
विक्रेताओं को प्रतिष्ठान में उपलब्ध स्टॉक एवं थोक व खुदरा मूल्य की सूची स्थानीय प्रशासन को कराना होगा मुहैया गोगरी : दाल व खाद्य तेलों की जमाखोरी पर नकेल कसने के लिए मुख्यालय स्तर से मिले निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव […]
गोगरी : दाल व खाद्य तेलों की जमाखोरी पर नकेल कसने के लिए मुख्यालय स्तर से मिले निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव ने इसको लेकर सभी जिला पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है. दाल एवं खाद्य तेलों के व्यवसाय के थोक व खुदरा व्यवसाय करने के लिए व्यवसायियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है.
बिना लाइसेंस दाल व तेल की बिक्री करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी. विक्रेताओं के लिए स्टॉक की संचयन सीमा भी तय कर दी गयी है. लाइसेंस लेने की अंतिम तिथि 5 अगस्त 2016 निर्धारित की गयी, लेकिन जिसने अभी भी लाइसेंस नहीं लिया है. उन थोक विक्रेताओं को जिला एवं खुदरा विक्रेताओं को अनुमंडल से अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी होगी. विक्रेताओं को अपने प्रतिष्ठान में उपलब्ध स्टॉक एवं थोक व खुदरा मूल्य की सूची स्थानीय प्रशासन को मुहैया कराना अनिवार्य होगा.
जमाखोरी पर नजर रखने के लिए धावा दल का गठन जिला पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा. तय स्टॉक से अधिक दाल व तेल के भंडारण की अनुमति विक्रेताओं को नहीं दी जायेगी. हालांकि लाइसेंस के लिए कोई भी इच्छुक व्यापारी आवेदन कर सकेंगे. लाइसेंस निर्गत होने के बाद औचक छापामारी के लिए जिला पदाधिकारी द्वारा धावा दल का गठन किया गया.
मुनाफाखोरी के कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी
दाल एवं खाद्य तेलों के उत्पादन एवं बाजार भाव में अचानक आये उछाल के बाद बड़े थोक व्यापारियों द्वारा दाल व तेलहन की जमाखोरी कर कृत्रिम अभाव पैदा कर ऊंचे दर पर बेचे जाने की शिकायत मिल रही थी. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जमाखोरी की आड़ में जमकर मुनाफाखोरी के कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी की गयी है. नये निर्देश के बाद व्यापारियों को अपने स्टॉक व बाजार मूल्य को भी सार्वजनिक करना होगा. बाजार में उपलब्ध दाल व तेल के स्टॉक का पता भी आसानी से पता चल पायेगा. नगर पंचायत सहित अन्य क्षेत्रों एवं दाल मिलों और दुकानों के अलग अलग स्टॉक संचयन की सीमा तय की गयी है.
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