हालांकि, कुछ रेल कर्मी भी अपनी दबंगई के आधार पर रेल प्रशासन को बगैर भाड़ा दिये रह रहे हैं. इस दिशा में रेलवे प्रशासन कुछ कार्रवाई करने की बजाय वाटर व विद्युत आपूर्ति की जा रही है. इस प्रकार से रेलवे राजस्व की बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा है. रेलवे प्रशासन की इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना अवैध वसूली की ओर संकेत अवश्य करता है, जो जांच कराये जाने पर उजागर हो सकेगा.
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रेलवे क्वार्टरों पर किया अवैध कब्जा
कटिहार: रेल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जजर्र क्वार्टर है. रेल प्रशासन द्वारा पुराने रेलवे क्वार्टर को बेकार करार देते हुए रेल कर्मियों से वैसे क्वार्टर को खाली करा दिया गया है. लेकिन, कुछ दबंग लोगों द्वारा वैसे क्वार्टर पर कब्जा जमाते हुए शहर के फूट कर व्यापारियों, पेशेवर लोगों को अपने स्तर पर किराये […]
कटिहार: रेल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जजर्र क्वार्टर है. रेल प्रशासन द्वारा पुराने रेलवे क्वार्टर को बेकार करार देते हुए रेल कर्मियों से वैसे क्वार्टर को खाली करा दिया गया है. लेकिन, कुछ दबंग लोगों द्वारा वैसे क्वार्टर पर कब्जा जमाते हुए शहर के फूट कर व्यापारियों, पेशेवर लोगों को अपने स्तर पर किराये पर दे दिया गया है.
कैसे मिल रही बिजली-पानी
रेल प्रशासन की ओर से जजर्र क्वार्टरों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से खाली करा लिया गया है. इसके बावजूद वहां अतिक्रमण कर लोग रह रहे हैं. बड़ा सवाल यह उठता है कि फिर पानी व बिजली की सप्लाई रेलवे की ओर से कैसे की जा रही है. निश्चित रूप से इसमें कही न कही घपला नजर आ रहा है.
कहते हैं रेलवे अधिकारी
इस मामले रेल अधिकारी आइओ डब्ल्यू के केशरी ने बताया कि इस मामले की पूरी जानकारी उन्हें नहीं है. लेकिन इसकी जांच कर कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाया जायेगा.
केस स्टडी – एक
रेलवे प्रशासन द्वारा रद्द घोषित रेलवे क्वार्टर टाइप वन व टाइप-टू स्तर के सैकड़ों की संख्या में क्वार्टर बने हुए हैं. इस क्वार्टर को खाली करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा क्वार्टर खाली करने का नोटिस दिया गया. उसके बदले में रेलवे द्वारा प्राइवेट क्वार्टर भाड़ा लेकर रहने के लिए पैसा भी दे रही है. कुछ दबंग टाइप रेल कर्मी को छोड़ सभी ने क्वार्टर को खाली कर दिया है. वैसे खाली रेलवे क्वार्टरों पर स्थानीय दबंग नागरिकों द्वारा कब्जा जमा लिया है. जिसे बाजार में छोटे-छोटे कारोबारी, रिक्श-ठेला चालकों एवं सब्जी विक्रेताओं को भाड़ा पर क्वार्टर देकर मासिक रूप से भाड़ा वसूली करते हैं. आश्चर्य तो इस बात की है कि रेलवे प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि की सुविधाएं मुहैया कर रही है.
केस स्टडी – दो
रेलवे क्षेत्र गार्ड पाड़ा में भी टाइप-वन एवं टाइप-टू क्वार्टर पुराने किस्म के बने हुए हैं. जिसे रेलवे प्रशासन द्वारा रद्द घोषित किया गया है. बावजूद इसके लोग अतिक्रमण कर रेलवे की सारी सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं. जिसे रेल प्रशासन खाली कराने में असमर्थ हो रहा है.
केस स्टडी – तीन
शहर के मंगल बाजार से सटे पुराना दो मंजिला रेलवे क्वार्टरों को भी रेल प्रशासन रद्द घोषित कर रखा है. जो रेलवे मजदूर यूनियन कार्यालय से सटा हुआ है. बावजूद इसके उसका भी अतिक्रमण करने वाले बेखौफ रेलवे सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं. इस ओर भी रेल प्रशासन को कोई ध्यान नहीं है. यहां भी रेलवे की ओर से बिजली पानी की सुविधा बहाल रखी गयी है.
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