कटिहार : ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार के संयुक्त सचिव आर लक्ष्मणन ने रैयती जमीन पर सड़क निर्माण नहीं करने का सख्त निर्देश जारी किया है. उन्होंने विभाग के सभी मुख्य अधीक्षण एवं कार्यपालक अभियंताओं को पत्र जारी कर कहा है कि प्राय: ऐसा देखा जा रहा है कि रैयती भूमि पर चाहे अनचाहे पथों का निर्माण कार्य हो जाता है. जिससे मुआवजे के भुगतान हेतु भूमि मालिकों को न्यायालय में मुकदमा दायर करना पड़ता है.
फलस्वरूप सरकार को न्यायालय में कोपभाजन का शिकार बनना पड़ता है एवं अवमानना का भी सामना करना पड़ता है. न्यायालय के आदेश के आलोक में मुआवजे की राशि हेतु भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा है कि पूर्व में भी विभाग द्वारा किसी भी परिस्थिति में रैयती जमीन पर सड़क निर्माण नहीं करने का निर्देश दिया जाता रहा है.
फिर भी कई ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं, जिससे रैयती जमीन पर सड़क निर्माण के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर किये जा रहे हैं. उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि आदेश का शक्ति से अनुपालन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाय ताकि मुआवजे का भुगतान की नौबत न आ पाये. ज्ञात हो कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई रैयतों की जमीन पर सरकार के द्वारा सड़क निर्माण कार्य किया जा चुका है एवं रैयतों के द्वारा मुआवजे के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाया जा रहा है.