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62 फीसदी बच्चे सुविधा से वंचित
आंगनबाड़ी केंद्र : संरचना में गुणवत्ता का है अभाव केंद्र व राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र के जरिये 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालय पूर्व शिक्षा देने की व्यवस्था की है, लेकिन बिहार के 62 फीसदी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से विद्यालय पूर्व शिक्षा सहित अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल […]
आंगनबाड़ी केंद्र : संरचना में गुणवत्ता का है अभाव
केंद्र व राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र के जरिये 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालय पूर्व शिक्षा देने की व्यवस्था की है, लेकिन बिहार के 62 फीसदी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से विद्यालय पूर्व शिक्षा सहित अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.
कटिहार : कटिहार सहित बिहार के 20 जिले के 200 आंगनबाड़ी केंद्र पर किये गये सर्वेक्षण के तहत हुए एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात उजागर हुई है.
बाल अधिकार पर काम करनेवाली देश की गैर सरकारी संगठन ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राइ) व बिहार लोक अधिकार मंच पटना द्वारा कराये गये इस ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में मात्र 38 फीसदी बच्चे की पहुंच ही आंगनबाड़ी केंद्र तक हो रही है. अध्ययन रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि आंगनबाड़ी केंद्र में आधारभूत संरक्षण में व्यापक कमी है.
साथ गुणवत्तापूर्ण सेवाओं में कमियां उजागर हुई हैं. अध्ययन रिपोर्ट में आंकड़ों के आधार पर यह बताया गया है कि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं में जिस प्रकार की गुणवत्ता का दावा करती है, जमीनी स्तर पर उस तरह की गुणवत्ता नहीं है. आधारभूत संरचना व संदर्भ सेवाएं में गुणवत्ता का सर्वथा अभाव पाया गया. बिहार में आधे से अधिक बच्चे कुपोषित हैं.
कुपोषण दूर करने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्र को दी गयी है. कुपोषण की जानकारी के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में वजन मशीन की व्यवस्था की गयी है तथा इसी के आधार पर सेविका द्वारा ग्रोथ मॉनिटरिंग चार्ट तैयार किया जाता है. लेकिन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वजन मशीन की उपलब्धता एवं ग्रोथ मॉनिटरिंग चार्ट की स्थिति बदतर है.
60 फीसदी सेविका को एनआरसी की जानकारी नहीं.
अतिकुपोषित बच्चों को उपचार कर उसे सामान्य बच्चों की श्रेणी में लाने के लिए सभी जिला मुख्यालय में पोषण पुनर्वास केंद्र खोला गया है. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका के माध्यम से अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भरती कराने के लिए प्रेरित किये जाने का प्रावधान है. लेकिन इस ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 60 फीसदी सेविका को एनआरसी के बारे में जानकारी नहीं है.
77 फीसदी बच्चे थाली लेकर पहुंचते हैं आंगनबाड़ी केंद्र : प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे को मीनू के अनुसार गरम पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था की गयी है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि 77 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे खाने का बरतन लेकर पहुंचते हैं. जबकि 24 फीसदी केंद्रों पर बच्चों के लिए हाथ धोने की सुविधा नहीं है एवं 28 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाद्यान्न के भंडारण की व्यवस्था नहीं है.
55 फीसदी आंगनबाड़ी केंद्र भवनहीन. सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 45 फीसदी आंगनबाड़ी सरकारी भवन (आंगनबाड़ी) भवन, पंचायत भवन, विद्यालय, सामुदायिक भवन में चल रहा है. जबकि भवनहीन 55 फीसदी केंद्र सेविका के घर अथवा निजी मकान में चल रहा है.
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