* ग्रामीणों के विभिन्न मामलों से रू-ब-रू हुए न्यायाधीश, पति-पत्नी के झगड़े का निबटारा तुरंत
बरारी : प्रखंड परिसर में आयोजित चलंत लोक अदालत पटना के न्यायाधीश रामधनी साह ने ऑन द स्पॉट 107 मामलों का निबटारा किया. चलंत लोक अदालत रथ बरारी प्रखंड मुख्यालय बुधवार को पहुंचा. जहां प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार चौबे, सीओ समीर कुमार एवं थानाध्यक्ष केके दिवाकर ने न्यायाधीश रामधनी साह की अगुवाई कर स्वागत किया.
चलंत लोक अदालत के न्यायाधीश श्री साह ने उपस्थित ग्रामीणों के विभिन्न मामलों से रू-ब-रू हुए. उन्होंने विधिक सहायता एवं लोक अदालत में ग्रामीण गरीब जनता को विवादों के निबटारा में फायदा की झलक दिखाई और कहा कि इसमें कानूनी सेवा प्राप्त करने हेतु ऐसा प्रत्येक व्यक्ति जो बिहार का मूल निवासी हो तथा किसी न्यायालय में लंबित मामला का पक्षकार हो कानूनी सेवा प्राप्त कर सकता है. जैसे उस व्यक्ति का वार्षिक आय एक लाख से अधिक नहीं हो.
वह व्यक्ति अनुसूचित जाति, जनजाति के सदस्य हो, वह मानव र्दुव्यवहार से पीड़ित हो अथवा संविधान के अनुच्छेद 23 में निर्दिष्ट भिखारी हो, वह व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु की लड़की या 16 वर्ष से कम आयु का लड़का हो, वह व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार हो, वह व्यक्ति प्राकृतिक आपदा सजातीय हिंसा या औधोगिक दुर्घटना से पीड़ित हो, विधिक एवं लोक अदालत से निबटारा हो सकता है.
न्यायाधीश श्री साह ने बताया कि लोक अदालत के द्वारा मुकदमों का निबटारा में निमA फायदे हैं. इसमें वकील पर खर्च नहीं होता. कोर्ट फीस नहीं लगता, पुराने मुकदमें की कोर्ट फीस वापस हो जाती है. किसी पक्ष को सजा नहीं होती. मामले का बातचीत द्वारा सफाई से हल किया जाता है. मुआवजा पर हर्जाना तुरंत मिलता है. मामले मा निबटारा तुरंत हो जाता है. सभी को आसानी से न्याय मिल जाता है.
फैसला अंतिम होता है. लोक अदालत के फैसले के विरुद्ध कोई अपील नहीं होता है. इसलिए लोक अदालत से आप फायदा उठायें, विवाद से बचे. क्योंकि मुकदमों और विवादों से घर परिवार का विकास अवरुद्ध होता है. बच्चों की शिक्षा बाधित होती है. चलंत लोक अदालत में बुधवार को 107 मामलों का निपटारा किया गया.
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार, अधिवक्ता संजीत कुमार सिंह, विधिक छात्रा सुप्रिया, जिला लोक अदालत पेशकार विजय झा, सीआइ मृत्युंजय कुमार गुप्ता, राजस्व कर्मचारी एवं पीएलवी बरारी प्रखंड अधिवक्ता पवन सिंह उपस्थित थे.