कटिहार : नगर निगम बनने के बाद भी कटिहार शहर भवन निर्माण के मामले में सचेत नहीं है. शहर में जिस तरह अव्यवस्थित तरीके से भवन निर्माण बने है तथा बनाए जा रहे है. उससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यह अलग बात है कि राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण को लेकर बिल्डिंग बायलॉज को भी अधिसूचित कर दिया है. पर शहरी क्षेत्र में अधिकांश भवन निर्माण सरकार द्वारा निर्धारित बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधान के मुताबिक नहीं है.
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आग से खेल रहा है कटिहार, शहर में बने हैं बड़े बड़े बिल्डिंग, पर नहीं है फायर सेफ्टी की व्यवस्था
कटिहार : नगर निगम बनने के बाद भी कटिहार शहर भवन निर्माण के मामले में सचेत नहीं है. शहर में जिस तरह अव्यवस्थित तरीके से भवन निर्माण बने है तथा बनाए जा रहे है. उससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यह अलग बात है कि राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण […]
खुद नगर निगम प्रशासन व अग्निशमन विभाग भी यह बात स्वीकार करती है. गुजरात के सूरत शहर के एक कोचिंग संस्थान में लगे भीषण अग्निकांड के बाद लोग व सरकार सचेत जरूर हुए है. पर माना जा रहा है कि कुछ दिन बाद यह सब कुछ भूल जाएंगे. फिर कोई हादसा होगी. तब कुछ दिन के लिए लोग सजग दिखेंगे. वर्तमान में जिस तरह शहर के अति व्यस्ततम व संकीर्ण जगहों पर भवन बनाए जा रहे है.
वह हादसों को आमंत्रित देने वाला है. ऐसे भवनों में न तो फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम है और न ही बचाव का कोई रास्ता है. एक तरह से पूरा शहर आग से खेल रहा है. उल्लेखनीय है कि बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक भवन निर्माण के दौरान न सिर्फ फायर सेफ्टी को लेकर पहल करनी है. बल्कि बचाव के लिए भी विकल्प तैयार करना है. लेकिन कटिहार शहर में भवन निर्माण के दौरान ऐसे मानकों की अनदेखी होती है.
कटिहार शहर के कई ऐसे हिस्से है, जो काफी संकीर्ण है. आग लगने पर ऐसे जगह पर अग्निशमन विभाग के दमकल व अन्य उपकरण पहुंच पाना मुश्किल है. उसी तरह शहर के कई हिस्सों में बिजली के तार का जाल इस तरह फैला हुआ है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. पर इन सब से स्थानीय प्रशासन को कुछ लेना देना नहीं है. सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है. सूरत की घटना के बाद प्रभात खबर में इस मुद्दे को लेकर कई स्तरों पड़ताल किया. प्रस्तुत है प्रभात खबर की पड़ताल यह तीसरी रिपोर्ट.
अगर कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये या आग लग जाये, तो बचाव करना मुश्किल
शहर में कई प्रमुख पथ है. जहां बड़े-बड़े बिल्डिंग बन गया है. पर फायर सेफ्टी व अन्य तरह के आपदा से बचाव को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. शहर के कई मोहल्ले भी ऐसे हैं, जहां आवासीय भवन निर्माण किया गया है. लेकिन उसमें किसी तरह की सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है.
अगर कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये या आग लग जाये तो बचाव करना मुश्किल हो जायेगा. ऐसे जगह पर फायर ब्रिगेड का दस्ता को भी पहुंचने में मुश्किल होगी. इस मामले को लेकर न तो स्थानीय नगर निगम प्रशासन सक्रिय दिखती है और न ही जिला प्रशासन की ओर से ही इस बात की कभी समीक्षा होती है. सब कुछ यहां भगवान भरोसे चल रहा है.
बिजली तार से हादसों काे आमंत्रण
शहर के प्रमुख बाजार व मोहल्ले में चले जाइए. हर जगह बिजली के तार का जाल फैला हुआ मिलेगा. बिजली तार को व्यवस्थित करने में स्थानीय बिजली महकमा भी नाकाम रहा है. यह बिजली के तार का जाल कभी भी कोई बड़ा हादसा का कारण बन सकता है. बिजली के तार का फैला जाल को लेकर समय-समय पर मीडिया में भी बात आती रही है.
साथ ही स्थानीय लोग भी इस मामले को उठाते रहे है. पर अब तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हुयी है. फलस्वरूप बिजली तार के जाल के बीच भवन निर्माण भी चल रहा है. साथ ही ऐसी स्थिति में लोग अपने आवासीय भवन व मार्केटिंग कंपलेक्स में रहने को विवश है. नगर निगम प्रशासन व जिला प्रशासन भी इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिखती है.
प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी उदासीन
बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक शहर में भवन निर्माण कराने को लेकर नगर निगम प्रशासन भी गंभीर नहीं है. साथ ही शहर में निर्माणाधीन बड़े-बड़े बिल्डिंग या फिर बने हुए बिल्डिंग में फायर सेफ्टी व अन्य आपदा से बचाव को लेकर भी स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि उदासीन है. माना जाता है कि जब कोई हादसा होता है. तब कुछ दिनों तक प्रशासनिक और राजनीतिक सक्रियता रहती है. उसके बाद धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाता है.
इसलिए उसकी स्थिति जस की तस बनी हुयी रहती है. माना जा रहा है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में कटिहार शहर अव्यवस्थित बिल्डिंग की वजह से कटिहार हादसों का शहर बन जायेगा. मानक के अनुरूप बिल्डिंग बनाए जा रहे है या नहीं. इसकी निगरानी भी नियमित नहीं होती है.
पर्याप्त पानी के स्रोत का अभाव
शहर का शहीद चौक हृदय स्थली माना जाता है. अगर इसके आसपास किसी बिल्डिंग या बाजार में आग लग जाये तो उस पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. शहीद चौक के आसपास पानी के स्रोत का कोई उपाय नहीं है. स्थानीय अग्निशमन कार्यालय की मानें तो शहर के कई हिस्सों में पानी के स्रोत का उपाय किया गया है.
मसलन गामी टोला व मिरचाईबाड़ी में लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, न्यू मार्केट में एक होटल, कटिहार मेडिकल कॉलेज, आर्मी कैंप आदि के पानी के स्रोत का सहयोग लिया जाता है. अग्निशमन कार्यालय के अनुसार शहीद चौक के समीप नगर थाना में पानी के स्रोत के लिए हाइड्रेंट की व्यवस्था का प्रस्ताव कई बार दिया गया. पर अब तक यह हो नहीं पाया है.
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