बारसोईः लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम आने के बाद जदयू को मात्र दो सीट मिलने पर नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर शनिवार को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद पूरे राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी. यहां भी लोगों ने इस बात को जैसे ही सुना लोग वे न्यूज चैनलों पर खबर सुनते नजर आये. इस मामले में प्रभात खबर ने लोगों प्रतिक्रिया ली, जिस पर मानव अधिकार सदस्य विनय जैन उर्फ छोटू ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर नरेंद्र मोदी का स्वागत किया है.
वे भी चाहते हैं कि श्री मोदी के द्वारा देश के साथ बिहार का विकास हो. आयकर अधिवक्ता राज किशोर गुप्ता कहते हैं कि उन्होंने अपनी पराजय स्वीकार की है. जनाधार न मिलने की स्थिति में अपनी गलानी बरदाश्त नहीं कर पाये और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया. कपड़ा व्यवसायी रोशन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बात तो समावेशी विकास की करते रहे, काम किया मुसलिम तुष्टीकरण का.
गोरखनाथ मंदिर में तिलक नहीं लगाया. जबकि रहमानपुर में टोपी पहनी. टेलर मास्टर नौशाद आलम ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इतना अच्छा मुख्यमंत्री जिसने सभी का भला किया. पूरे राज्य का विकास किया और जनाधार नहीं मिला. जो अफसोस की बात है. मनिहारा व्यवसायी राजीव भगत ने कहा कि बिहार के अब अच्छे दिन आने वाले है तथा बिहार को अफसरशाही से मुक्ति मिल गयी. साहपाड़ा निवासी विनोद कुमार साह ने कहा कि देश में मोदी अब बिहार में भी होगी मोदी की सरकार और विकास की बहेगी धारा. मौलानापुर निवासी मेराज खालिक ने कहा कि चौमुखी विकास करने के बाद भी जनमत नहीं मिला. इसलिए अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए सही निर्णय लिया है.