कटिहार : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम अच्युतानंद उपाध्याय ने हत्या मामले में अभियुक्तों को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. शनिवार को पारित आदेश में अदालत में अभियुक्त राजेंद्र पासवान, सुबोध पासवान, अखिलेश पासवान, मिथिलेश पासवान, संजय पासवान तथा रवि पासवान के विरुद्ध भादवि की धारा 304/34 के तहत दोषी पाते हुए अभियुक्तों को यह सजा सुनायी. अदालत ने सभी प्रत्येक अभियुक्तों को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड का भी भुगतान करने का आदेश दिया है. अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में अभियुक्त को तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
बरारी थाना में 29 जून 2005 को दिये फर्द बयान में लक्ष्मीपुर निवासी चांदनी कुमारी ने कहा था कि वह पांच बजे शाम में बहियार घास काटने गयी थी. उसके पिता गुरुदेव पासवान चार बजे शाम में परमानंद सिंह के खेत जोतने वाले ट्रैक्टर ठीक करने गये थे. ट्रैक्टर ठीक करने के बाद उसके पिता वापस घर की ओर आ रहे थे. दिनेश पासवान के घर के समीप पहुंचने पर सभी अभियुक्तों ने मिलकर उसके पिता को बुरी तरह पीटने लगा. पिता को मारते देख उसकी मां भी विरोध करने लगी. तब तक वह भी लौटने के क्रम में वहां पहुंच गयी
और विरोध करने लगी. सभी अभियुक्तों ने पुन: उसके पिता को इतनी पीटा कि थोड़ी देर के बाद उनकी मौत हो गयी. उसके भाई के अनैतिक संबंध को लेकर समाज में पंचायती हुई थी. इस सत्र वाद में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार ने 17 गवाहों को न्यायालय में परीक्षण कराया. 29 जून 2005 को चांदनी कुमारी ने मारपीट में पिता की मौत का दर्ज कराया था मामला