राज्य में औरंगाबाद है एकमात्र मॉडल हॉस्पिटल
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प्रदेश में बननेवाले 14 मॉडल अस्पतालों में कैमूर भी शामिल
राज्य में औरंगाबाद है एकमात्र मॉडल हॉस्पिटल भभुआ कार्यालय : भभुआ के सदर अस्पताल को जिलास्तरीय मॉडल अस्पताल के रुप में विकसित किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 14 जिला में स्थित सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें भभुआ के सदर अस्पताल को भी शामिल किया गया है. शनिवार […]
भभुआ कार्यालय : भभुआ के सदर अस्पताल को जिलास्तरीय मॉडल अस्पताल के रुप में विकसित किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 14 जिला में स्थित सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें भभुआ के सदर अस्पताल को भी शामिल किया गया है. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के सचिव सह कार्यपालक निदेशक शशिभूषण प्रसाद के नेतृत्व में पटना में सभी सिविल सर्जन व डीपीएम के साथ हुए बैठक में इसकी जानकारी दी गयी
और सचिव ने बैठक में मॉडल अस्पताल बनाने के लिए चयनित किये गये जिले के सिविल सर्जन को इसके लिए तत्काल युद्धस्तर पर काम शुरु करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि प्रदेश भर में महज एक औरंगाबाद का सदर अस्पताल हीं मॉडल अस्पताल के रुप में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया गया है. दूसरे चरण में प्रदेश के 14 और अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है.
इन पर होगी जिम्मेवारी : भभुआ के सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाने की जवाबदेही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक पर होगी. साथ हीं उन्हें केयर इंडिया हर तरह की तकनीकी सहायता प्रदान करेगी. मॉडल अस्पताल बनाने का सारा काम सिविल सर्जन एवं डीपीएम के निगरानी में होगा. केयर इंडिया के जिला प्रबंधक अश्वनी कुमार ने बताया कि मॉडल अस्पताल बनाने की दिशा में निर्णय के बाद से कार्य शुरु कर दिये गये हैं.
क्या-क्या होंगी सुविधाएं
भभुआ के सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाये जाने पर 24 घंटे सर्जरी, प्रसव एवं पैथोलॉजी की सुविधा उपलब्ध होगी. प्रसव के पूर्व एवं बाद में होनेवाले सभी जांच की भी सुविधा अस्पताल में मौजूद रहेंगी. किसी भी मरीज के आने पर जरुरी सभी जांच 24 घंटे किये जायेंगे इसके लिए सदर अस्पताल में पैथोलॉजी विभाग 24 घंटे खुले होंगे. सर्जरी के लिए तीन शिफ्ट में सर्जन,मूर्छक, ओटी सहायक एवं गायक्नोलॉजिस्ट की तैनाती होगी. सर्जरी एवं प्रसव के लिए उपकरण पूरी तरह से स्ट्रलाइज्ड होंगे इसके लिए अलग से स्ट्रलाइज्ड वार्ड बनाया जायेगा. सर्जरी के बाद एवं पहले के मरीजों के लिए अलग वार्ड होगा. महिला चिकित्सक सदर अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध होंगी. सदर अस्पताल में लोगों को संबंधित चिकित्सक एवं विभागों में जाने के लिए जगह-जगह पर साइनेज लगाये जायेंगे. इमरजेंसी वार्ड में 24 घंटे चिकित्सक राउंड मार कर मरीजों का हाल जानेंगे. ओपीडी में आनेवाले मरीजों के लिए एक बड़ा सा वेटिंग हॉल बनाया जायेगा जिसमें, चेयर के साथ-साथ टीवी एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होगी.
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