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अनुपस्थित लोगों का कटा वेतन अस्पताल मैनेजर से मांगा जवाब

भभुआ (सदर) : मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डाॅ विजय कुमार सिंह ने सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में सुबह आठ बजे तक कई डॉक्टर व कर्मचारी अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित पाये गये. उनसे स्पष्टीकरण की मांग करते हुए, उनके एक दिन का वेतन काटने का फरमान दिया […]

भभुआ (सदर) : मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डाॅ विजय कुमार सिंह ने सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में सुबह आठ बजे तक कई डॉक्टर व कर्मचारी अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित पाये गये.
उनसे स्पष्टीकरण की मांग करते हुए, उनके एक दिन का वेतन काटने का फरमान दिया गया. वहीं इस निरीक्षण के दौरान एक्स-रे कक्ष, संजीवनी परची काउंटर सहित दवा काउंटर भी बंद पाये गये. निदेशक ने औचक निरीक्षण के दौरान ओपीडी सहित इमरजेंसी, लेबर रूम, पोषण पुनर्वास केंद्र व भरती वार्ड सहित कुष्ठ विभाग का निरीक्षण किया, जहां अनेक खामियां पाये जाने पर अस्पताल प्रबंधक को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया.
ओपीडी से गायब पाये गये डॉक्टर व कर्मी: डाॅ विजय कुमार सिंह ने अस्पताल का हाल जानने के लिए सर्वप्रथम ओपीडी का रुख किया ओपीडी में निरीक्षण के दौरान हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल कुमार, नेत्र सहायक डाॅ सौरभ कुमार, दंत चिकित्सक डाॅ केके सिंह व महिला डॉक्टर डाॅ अनिता सिंह अनुपस्थित पाये गये डॉक्टरों के अलावे इस दौरान क्लिनिक साइकोलॅाजिस्ट भावना गुप्ता, रंजना कुमारी व दवा वितरण केंद्र से फार्माशिस्ट अशोक कुमार, ऑपरेटर आकृति कुमारी गायब मिले. इस दौरान जब अधिकारी ने अस्पताल उपाधीक्षक व मैनेजर से पूछा कि इतने लोगों को छुट्टी दी गयी है है या फिर खुद से गायब हैं.
इस बारे में न तो डीएस जवाब दे सके और न ही मैनेजर. उपनिदेशक ने सभी अनुपस्थित डॉक्टर व कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया. ओपीडी निरीक्षण के दौरान सर्जिकल ओपीडी नहीं चलने का उपनिदेशक ने डीएस से कारण पूछा तो उनका कहना था कि डॉक्टर की कमी के चलते सर्जिकल ओपीडी नहीं शुरू किया जा सका. इस पर क्षेत्रीय निदेशक ने डॉक्टरों की ड‍्यूटी रोस्टर की मांग की गयी.
अप्रशिक्षित नर्स के सहारे मिला पोषण पुनर्वास केंद्र
लेबर रूम, भरती वार्ड के बाद उपनिदेशक ने अस्पताल के तीसरे तल पर स्थित पोषण व पुनर्वास केंद्र को जांचने पहुंचे. लेकिन, यहां की स्थिति तो और ही भयावह थी यहां एक मात्र अप्रशिक्षित नर्स के भरोसे केंद्र चलता पाया, जबकि इस दौरान उस केंद्र में तैनात रोस्टर अनुसार एएनएम सुनीता कुमारी, शीला कुमारी, रिंकी कुमारी व डाॅ अरविंद कुमार द्विवेदी अनुपस्थित पाये गये. निरीक्षण के दौरान 10 की जगह मात्र छह ही बच्चे व उनकी माताएं उपस्थित पायी गयीं. इस स्थिति को देख उपनिदेशक ने अस्पताल प्रबंधक को प्रतिदिन इस केंद्र का निरीक्षण करते हुए उक्त केंद्र को संचालित करनेवाली संस्था पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
24 घंटे में 23 बच्चों ने लिया जन्म, पर मौजूद मिले मात्र छह ही
उपनिदेशक अधिकारियों के साथ लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर का निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन, वहां कि हकीकत जान उन्होंने अस्पताल मैनेजर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए काफी नाराजगी जतायी.
सीनियर स्टाफ नर्स अनिता कनौजिया से पिछले 24 घंटे में हुए प्रसव के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 23 बच्चों ने अस्पताल में जन्म लिया है. लेकिन, कम संख्या में प्रसूति औरतों को सोया देख इसका कारण पूछा. नर्स द्वारा बताया गया कि सभी प्रसूति औरते अपने बच्चों के साथ घर चली गयी हैं. अस्पताल प्रबंधक को जबरदस्त फटकार लगाते हुए तत्काल इस व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया.

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