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भटकते रहे मरीज, मानदेय कर्मियों ने नहीं किये काम

भभुआ (सदर) : जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 83 मानदेय कर्मियों को जिलाधिकारी की अनुशंसा पर हटा दिया गया है. लेकिन, अब तक इसकी सूचना न तो मानदेय कर्मियों को प्राप्त हुई है और न ही अस्पताल उपाधीक्षक को ही. इससे संबंधित कोई सूचना और चिट्ठी प्रेषित नहीं की गयी है. मंगलवार को इन […]

भभुआ (सदर) : जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 83 मानदेय कर्मियों को जिलाधिकारी की अनुशंसा पर हटा दिया गया है. लेकिन, अब तक इसकी सूचना न तो मानदेय कर्मियों को प्राप्त हुई है और न ही अस्पताल उपाधीक्षक को ही. इससे संबंधित कोई सूचना और चिट्ठी प्रेषित नहीं की गयी है.
मंगलवार को इन सारी स्थितियों के बीच सदर अस्पताल में आये मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सदर अस्पताल के मानदेय कर्मियों ने मरीजों के इलाज करने व उनकी मरहम-पट्टी आदि करने से इनकार कर दिया. मानदेय कर्मियों के अचानक लिये गये फैसले से इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचे सांसद प्रतिनिधि देव लाल पासवान को भी जब इस स्थिति का सामना करना पड़ा, तो वह शिकायत करने अस्पताल उपाधीक्षक के पास पहुंचे. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रह्लाद सिंह ने मानदेय कर्मियों को हटाये जाने संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना से इनकार करते हुए अपने हाथ खड़े कर लिये और सभी लोगों को वापस भेज दिया. अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा मानदेय कर्मियों को हटाने जाने संबंधि सूचना उन्हें नहीं मिलने के संबंध में पड़ताल कि तो अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई है.
ऐसे में प्रश्न उठता है कि 11 अप्रैल सोमवार को अस्पताल उपाधीक्षक के हस्ताक्षर से मानदेय कर्मियों वाले स्थानों व विभागो में नियमित कर्मियों का ड्यूटी रोस्टर कैसे लग गया? सांसद प्रतिनिधि देवलाल पासवान ने कहा कि यहां अधिकारी व नियमित कर्मी मरीजों के हित में काम नहीं करते, बल्कि वह इससे जी चुराते हैं. उन्होंने इस प्रकार की लापरवाही पर शिकायत बड़े अधिकारियों से करने की बात कही.

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