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गोपनीयता पर लग रहा प्रश्नचिह्न
मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में बरती जा रही लापरवाही मैट्रिक परीक्षा के दौरान नकल पर नकेल कसने के लिए पुरजोर मेहनत की गयी थी. इसको लेकर पूरा प्रशासनिक महकमा परीक्षा के दौरान काफी मुस्तैद नजर आया, जिसका परिणाम भी सकारात्मक रहा. वहीं, जब मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ, तो बरती जाने […]
मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में बरती जा रही लापरवाही
मैट्रिक परीक्षा के दौरान नकल पर नकेल कसने के लिए पुरजोर मेहनत की गयी थी. इसको लेकर पूरा प्रशासनिक महकमा परीक्षा के दौरान काफी मुस्तैद नजर आया, जिसका परिणाम भी सकारात्मक रहा. वहीं, जब मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ, तो बरती जाने वाली गोपनीयता को नजर अंदाज किया जा रहा है.
भभुआ (नगर) : मैट्रिक परीक्षा को कदाचार मुक्त संपन्न कराये जाने को लेकर शिक्षा विभाग से लेकर पूरा प्रशासनिक महकमा एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए था. परीक्षा में किसी भी किमत पर नकल को रोकने के लिए परीक्षा के दौरान सभी पदाधिकारी काफी मुस्तैद दिखे, जिसका परिणाम भी सकारात्मक रहा. मगर, जब मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन की बारी आयी, तो मूल्यांकन केंद्रों पर बरती जाने वाली गोपनीयता को नजरअंदाज किया जा रहा है.
वहीं, कॉपियों के मूल्यांकन में भी लापरवाही सामने आ रही है. इसकी बानगी देखने को तब मिली, जब जिला शिक्षा पदाधिकारी रामराज प्रसाद जिला मुख्यालय स्थित इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय (टाउन हाइस्कूल) में मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बनाये गये केंद्र पर निरीक्षण के लिए पहुंचे. इस मूल्यांकन केंद्र पर कॉपियों की जांच के लिए बरती जाने वाली गोपनीयता व सावधानी को ताक पर रख कर कॉपियों का मूल्यांकन किया जा रहा था.
दिये गये अंकों में की गयी है ओवर राइटिंग : इस मूल्यांकन केंद्र पर 87254 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना है. इसके बदले अब तक डीइओ द्वारा निरीक्षण के वक्त तक केवल 7985 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो सका है, जो प्रतिदिन के लक्ष्य से काफी कम है. इसके लिए केंद्र निदेशक को मूल्यांकन कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया.
डीइओ ने परीक्षकों द्वारा जांची जा रही कॉपियों का स्वयं भी अवलोकन किया. मूल्यांकन केंद्र के अन्य वर्ग कक्षों के निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी अपने कक्ष को छोड़ कर इधर-उधर घूमते नजर आये, तो कई परीक्षक बरामदे में आराम फरमाते नजर आये. डीइओ ने जांच की गयी कई उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन किया, जिसमें पाया गया कि मुख्य पृष्ठ पर अंकित अंकों में ओवर राइटिंग कर सुधार किया गया है.
अवैध रूप से स्ट्रांग रूम में ड्यूटी बजा रहे शिक्षक
स्कूल में बनाये गये स्ट्रांग रूम में बिना किसी आदेश के ही एक शिक्षक को ड्यूटी करते पाया गया. स्ट्रांग रूम में निरीक्षण के दौरान प्रखंड शिक्षक रवींद्र पासवान बिना किसी आदेश के ही अवैध रूप से स्ट्रांग रूम में काम कर रहा है. डीइओ ने कहा कि इसे स्पष्ट संकेत मिलता है कि गलत मंशा के लिए अवैध रूप से कर्मचारियों को मूल्यांकन केद्र पर ड्यूटी दी जा रही है.
इस संबंध में डीइओ द्वारा केंद्र निदेशक को निर्देश दिया गया है कि अवैध रूप से मूल्यांकन केंद्र पर तैनात कर्मचारियों को तुरंत हटाया जाये. इस संबंध में डीइओ रामराज प्रसाद ने बताया कि इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय में बनाये गये मूल्यांकन केंद्र पर बरती जा रही है लापरवाही की सूचना बिहार विद्यालय शिक्षा समिति, पटना व जिला पदाधिकारी को दी गयी है.
स्ट्रांग रूप में नहीं बरती जा रही गोपनीयता
मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के लिए स्कूल परिसर में बनाये गये स्ट्रांग रूम में भी बरती जानेवाली गोपनीयता को ताक पर रख दी गयी है. निरीक्षण के दौरान डीइओ ने पाया कि सहायक केंद्र निदेशक द्वारा सीधे सह परीक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल उपलब्ध कराया जा रहा था, जो नियमानुकूल नहीं है.
स्ट्रांग रूम में कई सह परीक्षकों को अंदर पाया गया. इसके लिए सहायक मूल्यांकन केंद्र निदेशक से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. वहीं, स्ट्रांग रूम में जांच के दौरान पाया गया कि एसएमएफ का लिफाफा बिना सील बंद किये ही सहायक मूल्यांकन निदेशकों द्वारा प्राप्त किया जा रहा था, जबकि नियमानुसार प्रधान परीक्षकों से एसएमएफ का सील बंद लिफाफा प्राप्त किया जाना था.
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