भभुआ (सदर) : अखलासपुर बस स्टैंड की बदहाल हालत वह भी तब है, जब नगर पर्षद व जिला पर्षद दोनों इस प्रमुख स्टैंड पर अपने-अपने दावे करती है. और स्टैंड में स्थित दुकानदारों व वाहन चालकों से टैक्स भी लेती है. लेकिन, सारी कवायदों के बावजूद प्रशासन स्टैंड की बदहाली व लोगों को इससे हो रही परेशानी पर कोई ध्यान नहीं देता. बस स्टैंड में न तो पेयजल की व्यवस्था ही ठीक है और न ही यात्रियों को बैठने की सुविधा. चारों तरफ अवैध रूप से दुकानदारों स्थायी दुकान का निर्माण करा लिया है, जबकि वाहन चालक भी मनमाने तरीके से अपने वाहनों को स्टैंड में खड़े करते हैं.
न पेयजल की सुविधा, न ही बैठने की जगह : बस स्टैंड से वाहन पकड़ने वाले यात्रियों के लिए यहां न तो पेयजल की सुविधा है और न ही बैठने की कोई उपयुक्त जगह. स्टैंड में यात्री शेड तो बना है, पर उक्त यात्री शेड में अवैध कब्जाधारियों द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए वेल्डिंग करने और टायर मरम्मती की दुकान खोल रखी है.
यात्री शेड पर अवैध कब्जे के चलते मजबूरन दुकानों पर बैठ कर वाहनों का इंतजार करते हैं. इसी प्रकार स्टैंड में पेयजल की भी सुविधा न के बराबर है. कहीं-कहीं हैंडपंप लगाये भी गये हैं, तो वह भी कहीं-कहीं छोड़ कर अधिकतर बेकार पड़े हुए हैं.
अंधेरा होते ही पसर जाता है सन्नाटा : अखलासपुर बस स्टैंड में प्रकाश की व्यवस्था नहीं रहने के चलते शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है. अंधेरे की वजह से ही शाम पांच बजे के बाद उक्त स्टैंड से न तो कोई वाहन खुलता है और न ही सवारी ही स्टैंड का रूख शाम ढलते करते हैं.
पूर्व डीएम प्रभाकर झा द्वारा बस स्टैंड का निरीक्षण कर वहां हाइमास्ट लाइट लगाने, पेवर्स स्टोन बिछाने, पेयजल, यात्री शेड आदि का निर्माण कराने के लिए नगर पर्षद को आदेश किया था. लेकिन, नप द्वारा डीएम के आदेश के बावजूद वहां किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया.
राशि की कमी बन रही बाधक : अखलासपुर बस स्टैंड की बदहाल स्थिति सुधारने के संबंध में उप विकास आयुक्त रामाशंकर सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा दिये गये आदेश की जानकारी उन्हें नहीं है. स्टैंड के जीर्णोद्धार के लिए अभी राशि भी उपलब्ध नहीं है. राशि उपलब्ध होते ही स्टैंड में काम शुरू कराया जायेगा.