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नहीं शुरू हुई धान की खरीद, किसानों को भारी घाटा

नहीं शुरू हुई धान की खरीद, किसानों को भारी घाटाफ्लैग…मुश्किल में अन्नदाता. कर्ज में डूबे किसान, कम कीमत में धान बेचने को मजबूर 25 नवंबर से शुरू होनी थी धान की खरीद, अब तक नहीं हुई शुरूकई केंद्रों पर पिछले वर्ष के धान का भी नहीं हुआ उठाव प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) सरकार ने किसानों को […]

नहीं शुरू हुई धान की खरीद, किसानों को भारी घाटाफ्लैग…मुश्किल में अन्नदाता. कर्ज में डूबे किसान, कम कीमत में धान बेचने को मजबूर 25 नवंबर से शुरू होनी थी धान की खरीद, अब तक नहीं हुई शुरूकई केंद्रों पर पिछले वर्ष के धान का भी नहीं हुआ उठाव प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) सरकार ने किसानों को धान पर बोनस देने की घोषणा की है. लेकिन, सरकारी स्तर पर धान की खरीद की जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. पदाधिकारियों के झूठे आश्वासन से किसान परेशान हैं. किसान धान की बिक्री के लिए दौड़ लगा रहे हैं. किसानों के धान खरीदने के लिए कहीं भी क्रय केंद्र नहीं खोला गया है. किसानों का धान खलिहानों में ही पड़ा है. परेशान किसान अपनी समस्या बीसीओ, डीसीओ व कृषि विभाग के प्रधान सचिव तक पहुंचा चुके हैं. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. रबी की खेती खड़ी करने के लिए किसान अपना धान कौड़ी के भाव पर बेचने को मजबूर हैं. किसान हर साल इस मुसीबत का सामना करते हैं. हर साल धान कटने के बाद सरकारी दर पर धान खरीदने की टकटकी लगी रहती है, लेकिन हर बार ठगी का शिकार होते हैं. बिचौलियों के पौ बारह कर्ज, अगली खेती खड़ी करने, घर का खर्च, बच्चे की पढ़ाई, खाद व बीज की व्यवस्था करने के लिए किसान अपनी मेहनत की फसल बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. जानकारी के अनुसार, किसान अपना धान 900 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को विवश हैं. विभागीय लापरवाही से न तो धान की खरीदारी शुरू हो पायी है और न ही क्रय केंद्र खोले गये. धान खरीद के लिए जिले के अधौरा प्रखंड को छोड़ कर सभी प्रखंडों में क्रय केंद्र खोले जाने की बात है. लेकिन, कई केंद्रों पर पिछले वर्ष के धान का भी उठाव नहीं हुआ है. अब आनन-फानन में गोदाम खाली किये जा रहे हैं. कई जगहों पर गोदाम में रखा धान सड़ चुका है. 25 नवंबर को क्रय केंद्र खोलने का था निर्देश धान क्रय केंद्र खोलने की निर्धारित तिथि 25 नवंबर थी. लेकिन, यह तिथि भी बीत चुकी है, पर अब तक क्रय केंद्र नहीं खोले गये. इस बार सरकार ने धान अधिप्राप्ति का मूल्य 1410 रुपये निर्धारित किया है. वहीं तीन सौ रुपये बोनस की घोषणा के बाद धान के लिए प्रति क्विंटल 1710 रुपये प्राप्त होंगे. सरकार की स्पष्ट नीति नहीं होने की वजह से किसान औन-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं. ऐसे में किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ भी नहीं मिलेगा. धान बेचना मजबूरी सरकार की नीति का खामियाजा सिर्फ गरीब किसानों को ही भुगतना पड़ता है. पूरी तरह कृषि पर आधारित होने के कारण धान बेचना मजबूरी है,नहीं तो घर खर्च चलना मुश्किल हो जायेगा.मुन्ना सिंह, मेकारी डीजल अनुदान भी नहीं मिला समय से हर तरफ से किसानों की हकमारी हो रही है. न तो डीजल अनुदान समय पर मिला और नहीं धान क्रय केंद्र ही समय पर खुले. डाटाबेस बनवाने के लिए भी काफी फजीहत झेलनी पड़ी. दीपक दूबे, अलीपुर नहीं मिला कोई निर्देश ऊपर से अभी धान क्रय केंद्र खोले जाने को ले कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है. धान क्रय के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जा रहा है. निर्देश प्राप्त होते ही धान की खरीदारी शुरू कर दी जायेगी. वीपी मंडल, जिला सहकारिता पदाधिकारी ……………..फोटो……………10.(किसान)मुन्ना सिंह, दीपक दूबे

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