बिजली बिल के करेंट से लग रहे जोर के झटके फजीहत. बिजली बिल व मीटर रीडिंग प्राइवेट हाथों में देने के बावजूद भी परेशानी 400 की जला रहे बिजली, आ रहा चार हजार से अधिक का बिल प्रतिनिधि, भभुआ (सदर)कहा जाता है कि सरकारी कार्यों में लेट होनी कोई नयी बात नहीं. इसी देरी व परेशानियों से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने कुछ जरूरी कार्यों को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में सौंपा, लेकिन आम जनता को इसका भी फायदा नहीं मिल पा रहा. शहरी उपभोक्ता इन दिनों बिजली बिल संबंधी गड़बड़ी व मीटर रीडिंग में बरती जा रही लापरवाही से काफी परेशान हैं. उपभोक्ता बिजली जला रहे हैं 400 की, पर बिल चार हजार से भी अधिक का आ रहा है. ऐसा नहीं है कि विभाग उपभोक्ताओं के बिजली बिल में हुई गलती को का सुधार नहीं करवाता, पर सुधार करने के बावजूद अगले माह गलत बिल उपभोक्ताओं को थमा दिया जा रहा. विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को पिछले तीन महीनों से बिजली बिल की जानकारी उपलब्ध नहीं हो रही है और ना ही समय पर बिजली बिल ही उपभोक्ताओं को मिल पा रहा है. हर महीना बिल उपलब्ध नहीं होने के चलते लोगों को समय से बिल चुकाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.प्राइवेट कंपनी के हाथों में है बिल देने की कमानबेहतर बिजली व्यवस्था व शहरी उपभोक्ताओं को उचित मीटर रीडिंग और उनसे समय पर विद्युत बिल जमा कराने के उद्देश्य से सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के हाथों में बिजली बिल देने की कमान सौंपी है. लेकिन, प्राइवेट सेक्टर में भी कार्य पद्धति में लापरवाही से उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिलती दिख रही है. शहर में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा विद्युत करीब 10 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल उपलब्ध कराया जाता है, पर पिछले तीन माह से कंपनी के द्वारा उपभोक्ताओं का बिजली बिल नहीं भेजा गया है. उपभोक्ताओं द्वारा पूछने पर इस मामले पर विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा प्राइवेट सेक्टर की लापरवाही व कर्मियों की कमी कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया जा रहा. वार्ड नंबर तीन की रहनेवाली कमला देवी, जितेंद्र कुमार सिंह व नन्हें पांडेय इत्यादि का कहना है कि विभाग द्वारा एक तो बिजली का बिल बढ़ा कर भेजा जाता है. उसके बाद उसमें सुधार के लिए जब विभाग जाइए, तो सुधार तो कर दिया जाता है लेकिन पुन: अगले महीने बिना मीटर रीडिंग किये बिजली बिल भेज दिया जाता है. कुछ लोगों का कहना था कि विभाग द्वारा मीटर रीडिंग कराया ही नहीं जाता केवल कागजी खानापूर्ति कर लोगों को बिजली का बिल थमा दिया जाता है. अब कनेक्शन लेने से भी डर रहे लोग विद्युत विभाग द्वारा गलत मीटर रीडिंग व उस पर भेजे गये गलत बिल के चलते शहरी उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन लेने में डर रहे हैं. शहर के कुछ दुकानदारों ने (नाम नहीं छापने के शर्त पर) बताया कि बिना रीडिंग किये हुए ही हमारे घरों का बढ़ा कर बिल भेज दिया जा रहा है. घर के ही बढ़े विद्युत बिल से परेशान हैं. दुकान में कनेक्शन लेने पर दोहरी परेशानी झेलने से बचने के लिए चोरी से बिजली का उपयोग करने पर मजबूर हैं. उनका कहना था कि अगर विभाग समान बिजली उपयोग पर समान रूप से बिल दे, तो चोरी से क्यों बिजली जलाये? विभाग के अधिकारियों ने भी माना, होती है गड़बड़ीसाउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड के शीर्ष अधिकारियों ने भी माना है कि प्राइवेट कंपनी द्वारा गड़बड़ी किये जाने के चलते उपभोक्ताओं को गड़बड़ बिल व गलत मीटर रीडिंग की परेशानी झेलनी पड़ रही है.विद्युत विभाग के शहरी कार्यपालक अभियंता आशीष कुमार झा ने बताया कि पिछले महीने इसकी जांच करायी गयी थी, जिसके आधार पर मीटर रीडिंग व बिजली बिल में बहुत बड़ी गड़बड़ी पायी गयी थी. इसके बाद मीटर रीडिंग का कार्य कर रहे संवेदक को हटाते हुए नये संवेदक को कार्य सौंपा गया है. बहुत जल्द ही उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी से निजात मिल जायेगी. लोगों को की परेशानीपिछले माह 18 हजार रुपये का गलत बिजली बिल विभाग द्वारा भेज दिया गया था. इसके सुधार में विभाग का चक्कर लगाते थक चुके हैं. फिर भी सुधार नहीं किया जा सका है.सुनील कुमार मेरे नागा बाबा गैस एजेंसी में पिछले तीन महीने से गलत बिजली बिल विभाग द्वारा भेजा जा रहा है. न तो कोई समय से मीटर रीडिंग करने आता है और न ही सही से विभाग द्वारा बिजली बिल ही भेजी जाती है.मधुसूदन सिंह हर महीने गलत बिजली बिल के चलते मैंने अप्रैल माह से बिल देना ही बंद कर दिया है, जब विभाग बिल में सुधार करता ही नहीं है, तो उसका भुगतान कैसे किया जा सकता है.संजय कुमार उपाध्याय फोटो…………………..4.उपभोक्ता :-सुनील कुमार, मधुसुदन सिंह, संजय कुमार उपाध्याय की फोटो ……………………………………………
बिजली बिल के करेंट से लग रहे जोर के झटके
बिजली बिल के करेंट से लग रहे जोर के झटके फजीहत. बिजली बिल व मीटर रीडिंग प्राइवेट हाथों में देने के बावजूद भी परेशानी 400 की जला रहे बिजली, आ रहा चार हजार से अधिक का बिल प्रतिनिधि, भभुआ (सदर)कहा जाता है कि सरकारी कार्यों में लेट होनी कोई नयी बात नहीं. इसी देरी व […]
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