Advertisement
शेड के नीचे होती है पढ़ाई
नुआंव : नुआंव गांव स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय में मात्र दो ही कमरे हैं, जबकि स्कूल में बच्चों की संख्या 445 है. ऐसी स्थिति में शिक्षक इन छात्रों को स्कूल के बरामदे व परिसर में शेड लगा कर पढ़ाते हैं. समस्या यहीं खत्म नहीं होती. स्कूल में लगा चापाकल भी बच्चों का साथ छोड़ […]
नुआंव : नुआंव गांव स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय में मात्र दो ही कमरे हैं, जबकि स्कूल में बच्चों की संख्या 445 है. ऐसी स्थिति में शिक्षक इन छात्रों को स्कूल के बरामदे व परिसर में शेड लगा कर पढ़ाते हैं. समस्या यहीं खत्म नहीं होती. स्कूल में लगा चापाकल भी बच्चों का साथ छोड़ चुका है.
चापाकल करीब दो माह से बंद पड़ा है. वहीं, मध्याह्न् भोजन भी 11 फरवरी 2015 से बंद है. स्कूल में दो शौचालय भी हैं. लेकिन, उपयोग के लायक नहीं. स्कूल के प्रधानाचार्य शमीम रंग ताज ने बताया कि वर्ष 2007 से अब तक स्कूल में कमरों के निर्माण के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखा गया. लेकिन, कोई हल नहीं निकला.
चापाकल खराब होने की वजह से ही मध्याह्न् भोजन बंद है. पिछले महीने मासिक एमडीएम रिपोर्ट में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बीडीओ व जिला एमडीएम प्रभारी के अलावा पीएचइडी के कनीय अभियंता को प्रखंड कार्यालय की 20 सूत्री की बैठक में आवेदन देकर चापाकल बनवाने की मांग की थी. लेकिन, दो माह बीतने के बाद भी हैंड पंप नहीं बना. प्रधानाध्यापक ने बताया कि गरमी में बच्चों को शेड के नीचे पढ़ाना खतरे से कम नहीं होगा. वहीं पीएचइडी के जेइ शशिराम ने बताया कि स्कूल का चापाकल ध्वस्त हो चुका है. अभी हाल में ही टेंडर हुआ है. शीघ्र ही चापाकल लगवाया जायेगा. उधर, कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मामला गंभीर है सबसे उच्च श्रेणी में रख कर स्कूल का चापाकल शीघ्र लगवाया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement