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17 घंटों की मशक्कत, पर भाग निकला बाघ
भभुआ/रामपुर : आखिरकार 17 घंटे बाद पांडेयपुर गांव के पास गóो के खेत में घिरा बाघ गुरुवार की रात 12 बजे रेस्क्यू टीम की सारी व्यवस्था को धता बताते हुए भाग निकला. बाघ को नहीं पकड़े जाने से रामपुर व भगवानपुर प्रखंडों के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. रेस्क्यू टीम ‘सांप के बिल में जाने […]
भभुआ/रामपुर : आखिरकार 17 घंटे बाद पांडेयपुर गांव के पास गóो के खेत में घिरा बाघ गुरुवार की रात 12 बजे रेस्क्यू टीम की सारी व्यवस्था को धता बताते हुए भाग निकला. बाघ को नहीं पकड़े जाने से रामपुर व भगवानपुर प्रखंडों के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. रेस्क्यू टीम ‘सांप के बिल में जाने के बाद लकीर पीटने के तर्ज पर’ शुक्रवार की सुबह उसके पंजों के निशान के आधार पर उसके जाने का रास्ता ढूंढ़ती रही.
कैमूर डीएफओ कुंदन कुमार ने बताया कि बाघ पांडेयपुर गóो के खेत से पश्चिम की तरफ यानी रामपुर-भगवानपुर की तरफ भागा. डीएफओ के मुताबिक, शुक्रवार को दिन भर चले ऑपरेशन में पता चला कि बाघ पांडेयपुर के बाद झाली गांव के पश्चिम सतीमाई के बगल से रोड पार कर दक्षिण तरफ भागा है. वन विभाग की टीम को बरली गांव के बाहर स्कूल के पूरब खेतों तक बाघ के पैरों के निशान मिले हैं. इसके बाद नहर होने के कारण बाघ के पंजे के निशान नहीं मिले.
पहाड़ी में होने की संभावना
रेस्क्यू टीम ने संभावना जतायी है कि बाघ बरली गांव से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कैमूर पहाड़ी में कहीं हो सकता है.
पटना से आयी रेस्क्यू टीम बाघ का पता लगाने के लिए लगातार कैंप कर रही है. उधर, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आस-पास के ग्रामीणों को दरवाजे पर बल्ब, लालटेन या अलाव जलाने को कहा गया है, ताकि आग देख बाघ गांव में न प्रवेश कर सके. डीएफओ ने बताया कि अभी बाघ का पता लगाने के लिये रेस्क्यू टीम आगे भी कैंप करेगी.
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