भभुआ : सावन की पहली सोमवारी को भले ही उमस और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा. लेकिन, सावन की पहली सोमवारी वे लोग शहर के मंदिरों और शिवालयों को भक्तिमय बना दिया. सावन की पहली सोमवारी पर शिवालयों में भक्ति की गंगा बह रही थी. हर कोई अपने-अपने ढंग से बाबा भोलेनाथ को खुश करने में लगा था.
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हर तरफ गूंजा हर-हर महादेव के जयघोष
भभुआ : सावन की पहली सोमवारी को भले ही उमस और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा. लेकिन, सावन की पहली सोमवारी वे लोग शहर के मंदिरों और शिवालयों को भक्तिमय बना दिया. सावन की पहली सोमवारी पर शिवालयों में भक्ति की गंगा बह रही थी. हर कोई अपने-अपने ढंग से बाबा भोलेनाथ […]
कोई जलाभिषेक कर तो कोई रुद्राभिषेक कर बाबा को प्रसन्न करने में लगा था. मंदिरों और शिवालयों में हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय की गूंज सुनाई दे रही थी. सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह दोपहर तक जारी रहा. सावन की पहली सोमवारी के दिन सभी मंदिरों और शिवालय में यहीं नजारा था.
महिला, पुरुष सभी शिव भक्ति में लीन नजर रहे थे. शिव को प्रसन्न करने में युवतियां भी पीछे नहीं थी. सोमवारी को लेकर मंदिरों और शिवालय में भी विशेष इंतजाम किया गया था. भक्त भी इस मौके पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आये. पहले सोमवारी पर खासकर महिलाओं की काफी भीड़ नजर आयी. सावन के पहली सोमवारी पर कावरियों का जत्था भी गुप्ता धाम और बाबा देवघर नगरी दर्शन पूजन को रवाना हुआ.
विशेष फलदायी है सावन की सोमवारी : पंडित बागेश्वरी द्विवेदी बताते हैं कि श्रावण महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है और इस महीने में भगवान शिव का नाममात्र लेने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन में सोमवारी को शिवलिंग पर जलाभिषेक और दूधाभिषेक विशेष फलदायी माना गया है.
जल और दूध शिव को अत्यंत प्रिय है. शिवलिंग पर जलाभिषेक से केवल शिव की, बल्कि माता पार्वती और गणेश की भी पूजा हो जाती है. शिवलिंग में तीनों समाहित है. आज के दिन कराये गये रुद्राभिषेक अकाल मृत्यु से बचाता है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ाता है. सावन की प्रत्येक सोमवारी को श्रद्धालुओं को कम-से-कम जलाभिषेक जरूर करना चाहिए.
गर्मी और उमस के बावजूद भक्त पहुंचे भोले के द्वार : सावन की पहली सोमवारी पर सुबह से ही उगे कड़क धूप और उमस के बीच भी भक्तजनों का उत्साह कम नहीं हुआ और सुबह से ही शिव के भक्तों ने मंदिर में आकर पूजा अर्चना की. इस दौरान शिव भक्तों ने माथा टेक कर भगवान का आशीर्वाद लिया और बेल पत्र, दूध, शहद, गंगाजल पवित्र शिवलिंग पर चढ़ाये. पौराणिक बुढ़वा महादेव मंदिर, डाकेश्वर महादेव मंदिर, देवीजी मंदिर, चमनलाल पोखर आदि में भी सुबह से भक्तों की भीड़ देखने को मिली.
पांच कांवरिये सड़क दुर्घटना में घायल
कुदरा. थाना स्थित पछाहगंज के पास एनएच दो पर सोमवार की सुबह बाबाधाम से दर्शन कर निजी साधन से आ रहे कावरियां तीर्थ यात्री वाहन डिवाइडर से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इससे वाहन में सवार पांच कावरियां तीर्थयात्री गंभीर रूप से घायल हो गये.
घायलों की पहचान उतर प्रदेश के प्रयागराज जिले के फुलपुर गांव के रहनेवाले शिवनाथ केशरी, रविकृष्ण, सतीश केशरी, कृष्ण कुमार व राजकुमार के रूप में की गयी है. सभी घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
प्राथमिक इलाज के बाद सभी कांवरिये अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए. जानकारी के अनुसार, बाबाधाम से दर्शन कर कावरियां तीर्थ यात्री एनएच दो के रास्ते यूपी के प्रयागराज जा रहे थे. चालक द्वारा गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें पांच कांवरिये घायल हो गये.
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