भभुआ कार्यालय : कैमूर के पूर्व एसपी व वर्तमान में आरा में एमएमपी (माउंटेड मिलिटरी पुलिस) के कमांडेंट के पद पर तैनात पुष्कर आनंद के खिलाफ कैमूर में महिला एसडीपीओ के साथ यौनशोषण किये जाने के मामले में सीआईडी की डीएसपी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. महिला एसडीपीओ ने पूर्व एसपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौनशोषण करने का मामला दर्ज कराया था. पता चला है कि सीआईडी की जांच में महिला एसडीपीओ के अारोप सही पाये गये हैं. पुष्कर आनंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(C), 354(A), 506, 509 में आरोप पत्र समर्पित किया गया है.
प्राथमिकी में पुष्कर आनंद के अलावा अभियुक्त बनाये गये उनकी मां आशा मेहता व पिता उमाकांत मेहता के खिलाफ पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिला है. गौरतलब है कि महिला एसडीपीओ मामले की जांच कर रही सीआईडी की डीएसपी ममता कल्याणी ने कांड दर्ज होने के चार साल बाद अनुसंधान पूरा करते हुए भभुआ कोर्ट में आरोपपत्र पेश किया है. संबंधित मामले की प्राथमिकी 29 दिसंबर, 2014 को पीड़ित महिला एसडीपीओ द्वारा महिला थाने में दर्ज करायी गयी थी. उस समय कैमूर एसपी के पद पर पुष्कर आनंद ही कार्यरत थे.
कैमूर में तैनात महिला एसडीपीओ द्वारा एसपी पुष्कर आनंद पर आरोप लगाया गया था कि 31 जुलाई, 2014 को पुष्कर आनंद ने उनसे शादी की इच्छा व्यक्त की और पुष्कर के माता-पिता ने शादी के प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए पहल की. इस बीच, शादी करने की दिशा में जब प्रक्रिया शुरू हुई, तो पुष्कर आनंद ने स्थिति का नाजायज लाभ उठाते हुए शारीरिक और मानसिक शोषण किया. इसके बाद जन्मकुंडली नहीं मिलने की बात कहते हुए शादी करने से इन्कार कर दिया था.
शादी का झांसा देकर यौनशोषण का मामला जांच में पाया गया सही : सीआईडी की डीएसपी ममता कल्याणी ने महिला एसडीपीओ के उक्त आरोप को अनुसंधान में सही पाते हुए आरोपपत्र में लिखा है कि पुष्कर आनंद ने अपने पद और स्थिति का लाभ उठाते हुए शादी का झांसा और प्रलोभन देकर महिला एसडीपीओ का यौनशोषण किया.
साथ ही शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया है. पुष्कर आनंद पर शादी का झांसा देकर शारीरिक व मानसिक शोषण करने का महिला एसडीपीओ द्वारा लगाया गया आरोप अनुसंधान में पूर्णरूप से प्रमाणित हुआ है.
प्राथमिकी में अभियुक्त पुष्कर आनंद के पिता उमाकांत मेहता और आशा मेहता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है. अनुसंधानकर्ता डीएसपी ने साक्ष्य के तौर पर कुल 40 लोगों के बयान दर्ज करते हुए गवाहों की सूची, सीडी, एक मोबाइल सेट व वैज्ञानिक साक्ष्य कोर्ट को सौंपा है.