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डीएम ने 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट, टीम ने सोमवार को शुरू की जांच

सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय के कर्मचारियों से की पूछताछ भभुआ कार्यालय : डीएलएड की हुई परीक्षा में अभ्यर्थियों को नंबर देने में धांधली की गयी है. इसकी पुष्टि सोमवार को डीएम के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय टीम की जांच में भी हुई. बीते 19 अगस्त को प्रभात खबर ने ”डीएलएड की परीक्षा में धांधली, […]

सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय के कर्मचारियों से की पूछताछ

भभुआ कार्यालय : डीएलएड की हुई परीक्षा में अभ्यर्थियों को नंबर देने में धांधली की गयी है. इसकी पुष्टि सोमवार को डीएम के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय टीम की जांच में भी हुई. बीते 19 अगस्त को प्रभात खबर ने ”डीएलएड की परीक्षा में धांधली, अनुपस्थित छात्र भी हो गये पास” शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस पर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने संज्ञान लेते हुए डीएलएड परीक्षा में हुई धांधली की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की. उक्त टीम का नेतृत्व वरीय उपसमाहर्ता दुष्यंत कुमार द्वारा किया जा रहा है. साथ ही उस टीम में डीआईयू राजीव कुमार श्रीवास्तव व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार को शामिल किया गया है. डीएम ने गठित तीन सदस्यीय जांच टीम को 24 घंटे के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
इधर, उक्त टीम ने डीएलएड में हुई धांधली की जांच भी सोमवार को शुरू कर दी. टीम का नेतृत्व कर रहे दुष्यंत कुमार व राजीव कुमार सबसे पहले शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे और डीएलएड परीक्षा से संबंधित जानकारी ली. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जांच टीम को बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय से डीएलएड परीक्षा का संचालन कराया जा रहा था. ऐसे में इससे जुड़ी सारी फाइलों वहीं उपलब्ध है. जांच टीम तत्काल सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय पहुंची और वहां उक्त परीक्षा से जुड़े सभी कर्मचारियों को बारी-बारी से बुला कर पूछताछ की.
धांधली की शिकायत करायी थी दर्ज गौरतलब है कि अटल बिहारी सिंह उच्च विद्यालय में अध्ययन केंद्र बनाया गया था. उक्त केंद्र पर 200 अभ्यर्थी भाग ले रहे थे. इसमें 40 अभ्यर्थियों को धांधली कर 90 से 95 नंबर दिये जाने की शिकायत एक अभ्यर्थी द्वारा दर्ज करायी गयी थी. उक्त अभ्यर्थी की शिकायत पर जब वहां अध्ययन केंद्र के प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गयी, तो पूरे मामले में सनसनी खेज खुलासा हुआ कि परीक्षा में पाये गये नंबर को ऑनलाइन फॉर्मेट में चढ़ाना था. लेकिन, जो फॉर्मेट अध्ययन केंद्र को ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था. उसमें 40 लोगों का नंबर पहले से अंकित किया गया था. उस फॉर्मेट की खास बात यह थी कि एक बार नंबर चढ़ जाने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता था. अध्ययन केंद्र के प्रभारी ने रिपोर्ट में लिखा था कि वह इस गड़बड़ी की सूचना सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय व आरडीडी ऑफिस को भी दी थी. लेकिन, उक्त मामले में किसी द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया.
किसी ने नहीं लिया संज्ञान इधर, सोमवार को जांच टीम के सदस्यों ने संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की, तो उनके द्वारा बताया गया कि ई-मेल व पासवर्ड अध्ययन केंद्र के प्रभारी के पास ही होता है और जो भी गड़बड़ियां हुई है, वह अध्ययन केंद्र के प्रभारी के यहां से ही की गयी है. इसमें कार्यालय को कोई हाथ नहीं है. अब सवाल यह उठता है कि जब उक्त गड़बड़ी की सूचना अध्ययन केंद्र के प्रभारी द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय व आरडीडी कार्यालय को उक्त मामला के सामने आने के बाद दे दिया गया था, तो आखिर उक्त कार्यालय द्वारा इतने गंभीर मामले में संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.
क्यों पूरे मामले को लगभग दो महीने से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. उक्त मामले में जांच टीम का नेतृत्व कर रहे दुष्यंत कुमार से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि प्रथमदृष्टया जांच में यह पुष्टि हो गयी है कि डीएलएड परीक्षा में अभ्यर्थियों को नंबर देने के दौरान गड़बड़ियां हुई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं. उन्हें चिह्नित करने का काम किया जा रहा है. बहुत जल्द उक्त सभी लोगों को चिह्नित कर जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जायेगी.
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