घोसी (जहानाबाद) : गांव से शहर में पक्की सड़कें बन रही हैं,बहुमंजिले मकान खड़े हो रहे हैं. यह सभी दरसाते हैं कि प्रदेश में विकास तेजी से हो रहा है. प्रकृति की चीजें विकास की भेंट चढ़ सकती हैं. इसी कड़ी में से एक फल्गु नदी है. फल्गु नदी बालू के लिए जानी जाती है.
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बालू के उठाव से जल स्तर पर खतरा
घोसी (जहानाबाद) : गांव से शहर में पक्की सड़कें बन रही हैं,बहुमंजिले मकान खड़े हो रहे हैं. यह सभी दरसाते हैं कि प्रदेश में विकास तेजी से हो रहा है. प्रकृति की चीजें विकास की भेंट चढ़ सकती हैं. इसी कड़ी में से एक फल्गु नदी है. फल्गु नदी बालू के लिए जानी जाती है. […]
विकास के नाम पर फल्गु नदी के बालू का इतना दोहन हुआ कि अब यह सुकियामा से लेकर शर्मा में मृतप्राय हो चुकी है.
इस सिलसिले में हुलासगंज प्रखंड के पूर्व प्रमुख देवेंद्र नाथ शर्मा, राजेश शर्मा, श्याम नंदन शर्मा समेत कई लोगों ने बताया कि बालू उठाव की वजह से नदी इतनी गहरी हो गयी है कि इसके किनारे पटवन करने पर पानी का स्तर नीचे चले जाने की आशंका है और पर्यावरण को खतरा है. वहीं, पुल के पाया के समीप से बालू उठाव करने से पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है. छह वर्षों में गड्ढा खोद कर पानी जमा किया गया. इस सिलसिले में कई ग्रामीणों ने बताया कि चैती छठ पर्व में जेसीबी या फिर फहुरा से नदी में गड्ढा कर पानी जमा करने की बाद ही छठव्रतियों को पूजा करनी पड़ी.
बालू उठाव के कारण से नदी गहरी हो गयी और जहां-तहां नहीं बल्कि पूरी नदी में झलास उत्पन्न हो गया है जिससे जंगली सूअर और एवं नीलगायों का बसेरा बना हुआ है. जंगली सूअर एवं नीलगायों के कारण गांव के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं किसान अपनी फसल बरबाद होते देखते रह जाते हैं.
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