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7966 घरों में नहीं हैं शौचालय
जागरूकता. नगर पर्षद के वार्डों में आवास और शौचालय बनवाने की लोगों में मची है होड़ जहानाबाद : सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना आवास और शौचालय निर्माण के लिए प्रति शहर के लोग जागरूक हो गये हैं. स्लम इलाके में रहने वाले लोगों के अलावा प्राय: सभी वर्गों के गरीब परिवारों में घर एवं शौचालय […]
जागरूकता. नगर पर्षद के वार्डों में आवास और शौचालय बनवाने की लोगों में मची है होड़
जहानाबाद : सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना आवास और शौचालय निर्माण के लिए प्रति शहर के लोग जागरूक हो गये हैं. स्लम इलाके में रहने वाले लोगों के अलावा प्राय: सभी वर्गों के गरीब परिवारों में घर एवं शौचालय बनवाने की होड़ मची है.
वर्ष 2016 में नगर पर्षद के सभी 33 वार्डों में कराये गये सर्वेक्षण के बाद यह खुलासा हुआ था कि सात हजार नौ सौ 66 घर ऐसे हैं, जहां शौचालय नहीं हैं और ऐसे परिवार खुले में शौच करते हैं. सर्वेक्षण के बाद शुरू हुई शहर के सभी वार्डों को खुले में शौच से मुक्त वार्ड बनाने की मुहिम. सरकार के स्वच्छता अभियान ने गति पकड़ी. शौचालय बनाने के लिए बीपीएल के अलावा एपीएल परिवार से आवेदन मांगे गये. इसके लिए 3118 लोगों ने नगर पर्षद में आवेदन दिये हैं, जिनमें 1060 लोगों को शौचालय निर्माण के लिए पहली किस्त की राशि का भुगतान किया गया है.
दो किस्तों में दी जाती है राशि : शौचालय निर्माण के लिए सरकार के द्वारा 12 हजार रुपये प्रति लाभान्वित को देने का प्रावधान है. स्वीकृत आवेदन के आलोक में प्रथम किस्त में साढ़े सात हजार रुपये दिये जाते हैं. राशि का उपयोग कर स्थल पर किये गये काम के बाद दूसरी किस्त की राशि साढ़े चार हजार रुपये का भुगतान लाभान्वित को दिये जाने का नियम है. अभियंता व अधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद संतोषप्रद स्थिति पाये जाने के बाद ही दूसरी किस्त की राशि निर्गत की जाती है. इस योजना के चयन में इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कहीं कोई सामर्थ्यवान व्यक्ति इसका लाभ लेने के चक्कर में तो नहीं है.
आवास निर्माण के लिए 195 आवेदन स्वीकृत : घर बनाने के लिए दो मानक निर्धारित किये गये हैं, पहला तो यह कि स्लम एरिया में रहने वाले व्यक्ति को आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपये देने का प्रावधान है.
इसमें वैसे लाभुक को शामिल किया जाता है, जो खाद्य सुरक्षा और बीपीएल के कार्डधारक होते हैं. इसके अलावा दूसरे प्रावधान के तहत आवास विहीन परिवार को छह लाख रुपये घर निर्माण के लिए दिये जाते हैं, जिसमें दो लाख बीस हजार रुपये बतौर सब्सिडी दी जाती है. शेष तीन लाख अस्सी हजार रुपये पर साढ़े छह प्रतिशत ब्याज सहित 20 वर्षों के भीतर राशि का भुगतान करना होता है. प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आवास निर्माण के लिए दो सौ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें 195 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं. आवास निर्माण की योजना प्रक्रियाधीन है.
सभी गरीबों को घर व शौचालय देने का है लक्ष्य
वर्ष 2016 के सर्वे के मुताबिक नगर पर्षद क्षेत्र में 20 हजार 370 हाउस होल्डर हैं. शौचालय विहीन घरों में तेजी से शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है. 401 यूनिट पूरे हो गये हैं.
वार्ड 12 और 17 को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करार दिया गया है. सरकार के आदेश के आलोक में पारदर्शिता के साथ आवास और शौचालय निर्माण की योजनाएं ली जा रही हैं. गरीबों और वाजिब हकदारों को इसका लाभ दिया जा रहा है.
अरुण कुमार, उपमुख्य पार्षद, नगर पर्षद
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