कुव्यवस्था. बड़ा राजस्व देने वाला शहर का सबसे बड़ा हाट है बदहाल
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सब्जी मंडी में सुविधाओं की कमी
कुव्यवस्था. बड़ा राजस्व देने वाला शहर का सबसे बड़ा हाट है बदहाल फैली गंदगी से खरीदारों के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल असर नहीं है पार्किंग प्लेस, शिवाजी रोड में रोज लगता है जाम जहानाबाद : शहर के इकलौते और सबसे बड़े हाट की हालत अत्यंत खराब है. कुव्यवस्था और गंदगी से उठती सड़ांध ही […]
फैली गंदगी से खरीदारों के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल असर
नहीं है पार्किंग प्लेस, शिवाजी रोड में रोज लगता है जाम
जहानाबाद : शहर के इकलौते और सबसे बड़े हाट की हालत अत्यंत खराब है. कुव्यवस्था और गंदगी से उठती सड़ांध ही इसकी मुख्य पहचान बनी हुई है. एक बड़े भू-भाग में फैले इस सब्जी मंडी में सुविधाओं की काफी कमी है. दुकानदार तो सुविधाओं से वंचित है ही खरीदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक तो कि सब्जी मंडी में गंदगी का अंबार और ऊपर से सड़ी गली सब्जियां रास्ते पर ही फेंक दिये जाने से हाट की हालत ऐसी हो जाती है की वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है. बारिश के मौसम में तो उक्त मंडी नरक में तब्दिल हो जाता है. बड़ा राजस्व देने वाला इस मंडी के विकास के लिए अब तक कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.
मार्केट कॉप्लेक्स बनाने की योजना भी अधर में है. करीब दस साल पहले मंडी के विकास के लिए दो बार रुपये आये, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाया. इस हाट की ताजा सूरत-ए-हाल ऐसी है कि वहां रोजाना हजारों लोग सब्जी के अलावा फल और किराना की खरीदारी करने जाते हैं लेकिन उन्हें यहां सुविधाओं की कमी का खामियाजा उठाना पड़ता है. बेचारे दुकानदार भी दो पैसे कमाने की लालच में पारंपरिक तरीके को अपनाकर भी धंधा चला रहे हैं. बोरी-बोरी को काटकर कनात का रूप देते हैं और दुकानें सजायी जाती हैं. कुछ भाग में जो शेड लगे हुए हैं उसकी हालत सही नहीं है.
शौचालय की भी हालत है खराब : विक्रेताओं और क्रेताओं की सुविधा के लिए सब्जी मंडी के उत्तरी भाग में एक शौचालय बनाया गया था, लेकिन उसकी हालत अत्यंत खराब है. रखरखाव के अभाव में वहां गंदगी फैली रहती है वहां से फैली बदबू के अलावा कीचड़ से सने रास्ते लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है. गंदगी के कारण हाट की हालत इतनी खराब है कि वहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
पार्किंग प्लेस की खल रही कमी : इस सब्जी मंडी में प्रतिदिन इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा दूसरे जिले से भी कई गाड़ियां सब्जियां लेकर आती है लेकिन उसकी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय कई लोग साइकिल व मोटरसाइकिल से इस मंडी में खरीदारी करने पहुंचते हैं, लेकिन उसे स्टैंड करने के लिए कोई पार्किंग की सुविधा नहीं है. कई साइकिल सवार तो साइकिल लेकर ही मंडी में प्रवेश कर जाते हैं जिससे अन्य खरीदारों को कठिनाई होती है. इसे लेकर लोगों के बीच झगड़े हो जाते हैं. इस मामले में भी अब तक कोई व्यवस्था नहीं किये जाने से लोग परेशान हैं.
शिवाजी पथ होता है प्रभावित : सब्जी हाट में वाहनों के लगाने की सुविधा नहीं रहने से इसका सीधा असर शिवाजी पथ पर पड़ता है. देहाती क्षेत्र से आने वाली सब्जी भरी गाड़ियां अहले सुबह से ही शिवाजी पथ में खड़ी कर दी जाती है. वहां बड़ी संख्या में ठेले, टेंपो और रिक्शे लगा दिये जाते हैं. पिकअप वैन की कतार लगी रहती है. परिणाम यह होता है कि मेन रोड और पीजी रोड को जोड़ने वाला शिवाजी पथ पूरी तरह जाम हो जाता है. लोगों का आवागमन करना मुश्किल हो जाता है. नगर परिषद के द्वारा सब्जी मंडी के उत्थान के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं. फलस्वरूप दुकानदारों से लेकर ग्राहकों तक बेचैनी का आलम व्याप्त है. उक्त सब्जी मंडी में करीब सवा तीन सौ छोटी बड़ी दुकानें हैं. जिससे टैक्स के मद में रोजाना वसूली की जाती है. प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व देने वाले शहर के सबसे बड़े हाट की हालत बदहाल रहना व्यवस्था के समक्ष एक बड़ा सवाल है. लोग इस मंडी की हालत में सुधार होने की आस लगाये बैठे हैं.
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