अनदेखी . योजना पूरी होने से गया, बोधगया, राजगीर फोर लेन से जुड़ जायेंगे
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फोरलेन हाइवे के निर्माण की रफ्तार धीमी
अनदेखी . योजना पूरी होने से गया, बोधगया, राजगीर फोर लेन से जुड़ जायेंगे जहानाबाद : वर्ष 2015 के जनवरी माह से 127 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाइवे का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. शुरुआती दौर में तो जहानाबाद और गया एवं जहानाबाद तथा पटना के बीच निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया. ऐसा […]
जहानाबाद : वर्ष 2015 के जनवरी माह से 127 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाइवे का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. शुरुआती दौर में तो जहानाबाद और गया एवं जहानाबाद तथा पटना के बीच निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि निर्माण एजेंसी निर्धारित तीस माह के भीतर पटना-गया-डोभी फोरलेन हाइवे का निर्माण कार्य पूरा कर देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सड़क का निर्माण शुरू होने के कुछ ही माह बाद उसकी गति काफी धीमी पड़ गयी.
काम पूरा करने की निर्धारित अवधि ढाई साल में 22 माह गुजर गया लेकिन 10 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हुआ है. 2025 करोड़ की इस महत्वपूर्ण योजना के पूर्ण होने से गया, बोधगया, राजगीर, नालंदा आदि महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल देश के फोरलेन से जुड़ जायेंगें. लोगों का यह सपना निकट समय में पूर्ण होने के आसार नहीं हैं क्योंकि सड़क निर्माण की राह में जमीन की अनुपलब्धता सबसे बड़ा बाधक है.
विकास के मार्ग होंगे प्रशस्त : पटना-गया एनएच 83 का फोरलेन निर्माण कार्य से विकास का मार्ग भी खुलेगा. निर्माण कार्य पूरा होने के दौरान इस इलाके के लोगों को रोजगार मिलेगी. बाइपास पर कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी खुलेंगे. जिससे लोगों की आमदनी होगी. जिले के कनौदी, शहवाजपुर, बभना, मेघरियां एरकी होते नौरू गांव के समीप मुख्य सड़क से बाइपास मिल जायेगी इस बीच उक्त गांवों के समीप भी कई तरह के रोजगार करने के मौके लोगों को मिलेंगें.
30 माह में पूरा करना है निर्माण, बीत गये 22 माह, 10 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं
निमार्णाधीन फोरलेन सड़क.
जमीन अधिग्रहण में फंसा है पेच
आइएल एंड एफएस इंजिनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को फोरलेन हाइवे निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है. एकरारनामे के अनुसार तीस माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा करना है. सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण करने एवं रोड का निर्माण मद में कुल दो हजार 25 करोड़ रुपये व्यय करने की योजना है. जिसमें 1232 करोड़ रुपये सड़क के निर्माण मद में खर्च करनी है. शेष राशि जमीन का अधिग्रहण करने के मद में व्यय किया जाना है.
खबर के अनुसार जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया है लेकिन आवासीय और खेतिहर किस्म की भूमि के पेच में भुगतान का मामला फंसा हुआ है. जिन कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की गयी है वो मुआवजे की राशि नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी जमीन आवासीय किस्म की है लेकिन मुआवजे का भुगतान खेतिहर भूमि के नाम पर किया जा रहा है. जमीन स्पष्ट नहीं रहने का प्रभाव सड़क के निर्माण कार्य पर पड़ रहा है.
फोरलेन हाइवे निर्माण योजना की मुख्य बातें
127 किलोमीटर सड़क का होगा निर्माण
दो दर्जन से अधिक बनाये जायेंगें पुल-पुलिया
2025 करोड़ रुपये के व्यय से पूरी होगी योजना
1232 करोड़ रुपये सड़क निर्माण मद में किये जाने हैं व्यय
वर्ष 2017 तक निर्माण कार्य को किया जाना है पूर्ण
शहर में घटेगा वाहनों का दबाव
फोरलेन हाइवे का निर्माण कार्य पूरा होने पर जहानाबाद शहर में वाहनों का दबाव काफी कम हो जायेगा. शहर को जाम की समस्या से निजात मिलेगी. पटना-गया के बीच चलने वाले यात्री और व्यावसायिक वाहन शहर के बजाय बाइपास से होकर गुजरेंगें. शहर में आनेवाले यात्री ही अपनी गाड़ी शहरी क्षेत्र में लायेगें. ऐसी स्थिति से वाहनों का दबाव कम होगा. और शहर में जाम की समस्या पर लगभग विराम लग जायेगा.
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