बैठक . पशु रोग की समस्या व निदान के िलए जुटे नोडल अिधकारी
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टीकाकरण में लाएं तेजी
बैठक . पशु रोग की समस्या व निदान के िलए जुटे नोडल अिधकारी फुलवारीशरीफ : बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान द्वारा पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के पशु विज्ञान से जुड़े नोडल पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को हुई. उद्घाटन पशुपालन निदेशालय, पटना के […]
फुलवारीशरीफ : बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान द्वारा पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के पशु विज्ञान से जुड़े नोडल पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को हुई. उद्घाटन पशुपालन निदेशालय, पटना के निदेशक राधेश्याम साह ने की.
उद्घाटन के बाद राधेश्याम साह ने पशु रोग से जुड़े नोडल पदाधिकारियों को संबोधित करते कहा कि पशुधन को रोगों से मुक्त रखना और उनकी बीमारियों के निदान के लिए समय- समय पर सभी जिलाें में नोडल पदाधिकारियों की मौजूदगी में टीकाकरण कार्य में और तेजी लायी जाये. उन्होंने कहा कि पशुओं में होनेवाले रोगों को रोकने के लिए उनका रखरखाव के बारे में ग्रामीणों को कार्यशाला के जरिये जागरूक करना होगा. इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का उन्होंने आह्वान किया.
बैठक में पश्चिम बंगाल की नोडल पदाधिकारी डॉ अनूप सिंघा एवं डॉ विधान बंदोपाध्याय, सिक्किम के नोडल पदाधिकारी डॉ करुणा चेत्री, झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ जनेत भगत व बिहार के नोडल पदाधिकारी डॉ शतानंद ब्रह्मचारी ने देश के पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के पशु रोगों एवं उनके टीकाकरण, उपचार आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला.
मौके पर डॉ संतोष कुमार दीक्षित, क्षेत्रीय निदेशक, पटना, डॉ दिवाकर प्रसाद, सहायक निदेशक, पशुपालन सूचना एवं प्रसार, अमिताभ सिंह, उपाधीक्षक, पशुगणना, डॉ सुनील कुमार राय, उपनिबंधक, पशु चिकित्सा परिषद, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के डाॅ अजीत कुमार, डॉ अस्मिता कुमारी, डॉ रेणु सिन्हा, डाॅ सतीष कुमार, डॉ उमेश कुमार आदि उपस्थित थे.
कार्यक्रम का संचालन डॉ दिवाकर प्रसाद, सहायक निदेशक, पशुपालन सूचना एवं प्रसार व धन्यवाद ज्ञापन डाॅ संतोष कुमार दीक्षित, क्षेत्रीय निदेशक ने किया .
रोगमुक्त रखने के लिए रोगों की पहचान जरूरी
बैठक में शामिल नोडल अिधकारी.
विभाग को दें सुझाव
पशुओं के रोग की सही पहचान होने से ही पशुओं का समुचित इलाज हो पायेगा. वैज्ञानिकों एवं राज्य के पदाधिकारियों का आह्वान किया कि राज्य में चल रहे विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रमों से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं पर गहनतापूर्वक विचार-करें एवं उसके निदान की दिशा में आवश्यक सुझाव विभाग को उपलब्ध कराएं.
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