पीजी रेललाइन में असरहीन साबित हो रहा आरपीएफ का चेकिंग अभियान
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महिला बोगी में पुरुषों का कब्जा
पीजी रेललाइन में असरहीन साबित हो रहा आरपीएफ का चेकिंग अभियान सख्त कार्रवाई नहीं होने से लोगों की आदत में नहीं हो रहा सुधार रेलवे एक्ट के उल्लंघन का खामियाजा भुगत रही ंहै महिला यात्री जहानाबाद : पटना-गया रेलखंड में जनहित और सुरक्षा के दृष्टिकोण से आरपीएफ के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है […]
सख्त कार्रवाई नहीं होने से लोगों की आदत में नहीं हो रहा सुधार
रेलवे एक्ट के उल्लंघन का खामियाजा भुगत रही ंहै महिला यात्री
जहानाबाद : पटना-गया रेलखंड में जनहित और सुरक्षा के दृष्टिकोण से आरपीएफ के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इसका कोई खास असर वैसे यात्रियों पर नहीं पड़ रहा है जिसमें रेलवे एक्ट का उल्लंघन कर यात्रा करने की लत लगी है. उक्त रेलखंड में चलने वाली ट्रेनों के महिला बोगी में पुरुष यात्रियों का कब्जा रहता है. एक माह से आरपीएफ के द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है.
लोग रेलवे एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़े जा रहे हैं लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने से आरपीएफ का उक्त अभियान असरहीन साबित हो रहा है. महिला डब्बे में घुस कर पुरुष यात्रियों के द्वारा सफर करना , ट्रेन की छत पर बैठ कर या पायदान व बफर पर लटक कर यात्रा करते खासकर युवक यात्री देखे जाते हैं.
इन आदतों में सुधार नहीं हो रहा है. लोगों में यह चर्चा होने लगी है कि रेलवे प्रशासन के द्वारा पकड़े जाने के बाद महज बतौर जुर्माने के रूप में उनसे रुपये लेकर उन्हें मुक्त कर देने से उनमें प्रशासन का भय नहीं बन रहा है. परिणाम यह हो रहा कि आरपीएफ का चेकिंग अभियान व्यापक लोगों पर अपना असर नहीं डाल पा रहा है. पटना -गया रेलखंड में यात्रा करने वाले लोगों के अनुसार रेलवे प्रशासन को चाहिए कि एक्ट का उल्लंघन कर ट्रेन में सफर करने वाले लोगों के विरुद्ध कुछ सख्त कार्रवाई की जाये .
उन्हें जेल भेजा जाये.ताकि लोगों में यह मैसेज फैल सके कि महिला बोगी में जबरन घुस कर यात्रा करना या ट्रेन की छत पर बैठ कर ,पायदान पर लटक कर यात्रा करना कतई उचित नहीं है. यदि ऐसी हालत में पकड़े जायेगें तो जेल की हवा खानी पड़ेगी. लेकिन रेल पुलिस प्रावधान के तहत ही कार्रवाई करने तक सीमित रह जाती है. रेल पुलिस के अनुसार उक्त स्थितियों में यात्रा करने के दौरान पकड़े गये यात्रियों को जुर्माना करने तक ही कानूनी प्रावधान है.
महिला यात्रियों को हो रही है परेशानी : ट्रेनों में एक तो कि महिला डिब्बे की संख्या एक-दो ही रहती है. उसमें पुरुष यात्रियों के द्वारा कब्जा जमा लिये जाने से महिला पैसेंजर काफी पशोपेश में रहती हैं. अत्यधिक भीड़ रहने के कारण महिलाएं वैसे पुरुषों से उलझना नहीं चाहती जो जबरन महिला बोगी में घुस जाते हैं. उक्त रेलखंड में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की भी संख्या अच्छी खासी रहती है. महिला बोगी में पुरुषों को बैठे देख महिला यात्री को अन्य बोगियों में सवार होने में काफी कठिनाई झेलनी पड़ रही है.
अकसर यह देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों को लेडिज डिब्बे में बैठे देख उसे सिर्फ कोसते हैं. इस रेलखंड पर महिलाओं को हो रही परेशानी से थोड़ी निजात दिलाने का जो प्रयास आरपीएफ के द्वारा किया जा रहा है उसकी प्रशंसा तो हो रही है लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने से इसका खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है.
चेकिंग में पकड़े गये हैं 346 पुरुष यात्री : आरपीएफ के द्वारा 20 जुलाई 2016 से पीजी रेल सेक्शन में अब तक लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान 346 वैसे पुरुष यात्री पकड़े गये जो रेलवे एक्ट का उल्लंघन कर यात्रा कर रहे थे. इसमें दो सौ सोलह वैसे पुरुष यात्री हिरासत में लिये गये जो विभिन्न पैसेंजर ट्रेनों के महिला डिब्बे में सवार थे.
130 यात्रियों को ट्रेन की छत, वफर व पायदान पर बैठ कर यात्रा करने के आरोप में पकड़ा गया है. उक्त सभी यात्री जुर्माना देकर मुक्त हो गये हैं.यहां यह कहा जा रहा है कि यदि पकड़े गये लोगों के विरुद्ध रेलवे प्रशासन सख्ती से पेश आता तो लोगों में लगी लत में काफी हद तक सुधार हो सकता है.
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