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73765 स्मार्ट कार्डधारी में 1154 का इलाज

कुव्यवस्था. बीपीएल परिवारों को 30 हजार रुपये तक नि:शुल्क इलाज की है व्यवस्था केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ जिले के स्मार्ट कार्डधारियों को नहीं मिल पा रहा है. असंगठित क्षेत्र के कामगारों व बीपीएल परिवारों के लिए सरकार ने 30 रुपये में तीस हजार तक इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था की थी. […]

कुव्यवस्था. बीपीएल परिवारों को 30 हजार रुपये तक नि:शुल्क इलाज की है व्यवस्था

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ जिले के स्मार्ट कार्डधारियों को नहीं मिल पा रहा है. असंगठित क्षेत्र के कामगारों व बीपीएल परिवारों के लिए सरकार ने 30 रुपये में तीस हजार तक इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था की थी. परंतु जिले के 73765 कार्डधारियों में अब तक महज 1154 का ही इलाज हो पाया है.
जहानाबाद (नगर) : 30 रुपये में 30 हजार रुपये तक का इलाज करानेवाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का समुचित लाभ लाभुकों को नहीं मिल पा रहा है. स्मार्ट कार्डधारियों के इलाज में जिला फिसड्डी साबित हो रहा है. जिले में 73765 स्मार्ट कार्डधारी हैं. लेकिन, अब तक महज 1154 का ही इलाज हो पाया है. असंगठित क्षेत्र के कामगारों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानेवाली केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से कार्डधारी वंचित हैं. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के लिए यह योजना एक अप्रैल, 2008 को लागू की गयी थी. इसके तहत नि:शुल्क 30 हजार रुपये तक सालाना इलाज की व्यवस्था है.
बीपीएल परिवारों को इस योजना का लाभ देने के लिए जिले के 11 अस्पतालों को संबद्ध किया गया था. लेकिन, इनमें दो अस्पताल ऐसे हैं, जहां अब तक एक भी स्मार्ट कार्डधारी का इलाज नहीं हो पाया. वहीं, दो अस्पतालों को निलंबित रखा गया है. ऐसे में सात अस्पताल में स्मार्ट कार्डधारियों का इलाज हो रहा है. लेकिन, यहां भी काफी कम कार्डधारियों का इलाज हुआ. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा बार-बार संबद्ध अस्पताल संचालकों से बीपीएल परिवारों के इलाज में तेजी लाने को कहा जा रहा है.
प्रचार-प्रसार का भी है अभाव : जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण इसका समुचित लाभ स्मार्ट कार्डधारी नहीं ले पा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवार यह जान ही नहीं पाते है कि उनका इलाज किस अस्पताल में होगा तथा वहां किस-किस तरह के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में वे इलाज से वंचित रह जाते हैं. वहीं, संबद्ध अस्पतालों की संख्या भी कम रहने के कारण तथा ग्रामीण इलाकों में संबद्ध अस्पताल नहीं रहने के कारण भी बीपीएल परिवार इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभ सभी स्मार्ट कार्डधारियों को मिले, इस संबंध में सभी संबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि अधिक से अधिक मरीजों का इलाज करें. इस योजना का समुचित प्रचार-प्रसार भी कराने का निर्देश दिया गया है.
मनोज कुमार सिंह, जिला पदाधिकारी, जहानाबाद
जिले के 11 अस्पताल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से हैं संबद्ध
जिले में 73765 स्मार्ट कार्डधारी
सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर जिले में 120189 गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले लोग हैं. इनमें 73765 लोगों को स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराया गया है. जिले के सदर प्रखंड में 9905, काको प्रखंड में 11236, घोसी प्रखंड में 7083, मखदुमपुर प्रखंड में 13250, हुलासगंज प्रखंड में 5189, मोदनगंज प्रखंड में 6274, रतनी-फरीदपुर प्रखंड में 10505, नगर पर्षद क्षेत्र में 7249 तथा नगर पंचायत, मखदुमपुर क्षेत्र में 3074 लोगों को स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराया गया है.
योजना से 11 अस्पताल किये गये हैं संबद्ध
स्मार्ट कार्डधारियों को इलाज की बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए जिले के 11 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से संबद्ध किया गया है. इन अस्पतालों में कई तरह के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. जिले के हुसैन नर्सिंग होम, जीवन दीप नर्सिंग होम, नेहा नर्सिंग होम, सदर अस्पताल, महावीर नर्सिंग होम, कोपल क्लिनिक, अल हयात अजहर नर्सिंग होम (सभी जहानाबाद), रेफरल अस्पताल, मखदुमपुर, सत्यम नर्सिंग होम, संगम नर्सिंग होम (दोनों टेहटा) तथा सुशीला नर्सिंग होम, जयतीपुर, ओकरी को इस योजना से संबद्ध किया गया है. इसमें सदर अस्पताल तथा रेफरल अस्पताल, मखदुमपुर में अब तक एक भी स्मार्ट कार्डधारी का इलाज नहीं हो पाया है. वहीं, सत्यम व संगम नर्सिंग होम वर्तमान में नो एक्टिवेट हैं.

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