जहानाबाद : लग्न को लेकर शुक्रवार को पूरे दिन शहर में महाजाम का नजारा देखने को मिला. शहरवासी दिन भर परेशान दिखे. कड़ी धूप में झुलसते बच्चों की पीड़ा काफी दुखदायी था. अरवल मोड़ के समीप ध्वस्त ट्रैफिक सिस्टम के आगे सभी नतमस्तक दिखे. गाड़ियों की लंबी कतारें देख राहगीरों का मन डोल रहा था.
खैर ! रफ्तार पर लगी ब्रेक के बाद किसी तरह गाड़ियां घंटों खड़ी रहने के बाद रेंगते हुए गंतव्य की ओर रवाना हुई. जबकि कुछ ही माह पूर्व यह भी खबर आयी थी कि राजाबाजार रेलवे अंडरपास के कायाकल्प की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल चुकी है. इधर स्थानीय नेताओं में भी इसका श्रेय कैसे लिया जाये, इसकी होड़ लग गयी थी. कोई अखबारों के माध्यम से अपनी सफाई पेश कर रहा था.
प्रदेश स्तर के एक जाने-माने नेता ने तो इसके लिए एक मंच ही बना लिया और महाधरना करने लगे ताकि उनका क्रियाकलाप अखबारों की सुर्खियां बने . लेकिन इन तमाम मामलों में जनता को क्या मतलब, कल भी राजाबाजार के हालात वही थे और आज भी वही हैं. जनता को तो अब यह भी लगने लगा है कि ये तमाम बातें उनके लिए ख्याली पुलाव से ज्यादा कुछ नहीं हैं. जमीनी हकीकत अभी कोसों दूर दिखाई पड़ती है. जाम में फंसे रहना और गंदे नालों के पानी के बीच से गुजरना मानों उनकी मजबूरी बन गयी है.
जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं को इसी बहाने अपनी राजनीति चमकाने का मौका जो मिला है. जाम इस कदर लगा था कि लोगों को सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था. दोपहर में महाजाम में दर्जनों स्कूली वाहन भी फंसे थे. कड़कड़ाती धूप में फंसे बच्चों की बौखलाहट से लोगों का हृदय द्रवित हो रहा था मगर लाचार थे.