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वादों से मुकर रही हैं केंद्र व राज्य की सरकार

अरवल मोड़ पर पटना -गया मुख्य पथ को किया जाम जहानाबाद,नगर : बटाईदार किसानों को पंजीकृत कर उन्हें पहचान पत्र देने , किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 500 रुपये बोनस देने तथा फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग को लेकर भाकपा-माले द्वारा राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन चलाया गया . भाकपा -माले तथा अखिल […]

अरवल मोड़ पर पटना -गया मुख्य पथ को किया जाम

जहानाबाद,नगर : बटाईदार किसानों को पंजीकृत कर उन्हें पहचान पत्र देने , किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 500 रुपये बोनस देने तथा फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग को लेकर भाकपा-माले द्वारा राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन चलाया गया . भाकपा -माले तथा अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा शहर में मार्च निकालकर अरवल मोड़ को जाम किया गया . जिसके कारण पटना -गया मुख्य पथ पर वाहनों का परिचालन बाधित रहा .
चक्का जाम आंदोलन के दौरान नेताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकार अपनी वादों से मुकर रही है तथा इन दोनों के पाटन के बीच किसान पीस रहे हैं . केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गठित किसान आयोग ने बटाईदारों को भी किसान का दर्जा दिया है . केंद्र सरकार द्वारा धान का मूल्य निर्धारण के लिए गठित आयोग ने कुबूल किया है
कि धान उत्पादक किसानों को एक क्विंटल धान का उपज करने में 1600 रुपया खर्च लगता है अत: लागत मूल्य से डेढ़ गुणा कीमत पर धान की खरीद होनी चाहिए लेकिन धान का समर्थन मूल्य उत्पादन मूल्य से भी कम रखा गया है . वहीं प्रदेश में बगैर खेत के रसीद का धान नहीं खरीदा जायेगा. ऐसे में भला बटाईदार कहां से जमीन की रसीद लायेगें . दूसरी तरफ पैक्स अध्यक्षों को कहा गया है कि प्रति क्विंटल धान के बदले में 67 किलो चावल मिलिंग कर देना होगा .
मिलिंग का खर्च दस रुपया प्रति क्विंटल दी जायेगी . इसी तरह के अन्य अड़चनें किसान व पैक्स अध्यक्ष के समक्ष रखकर धान खरीद में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है . केंद्र व राज्य की सरकार की यही मंशा है की किसानों की धान की खरीद नहीं हो . नेताओं ने कहा कि अब तक कहीं भी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है जबकि खरीद के लिए निर्धारित समय एक तिहाई बीत चुका है . केंद्र की सरकार ने घोषणा किया था कि 33 प्रतिशत फसल नुकसान होने पर फसल क्षति का मुआवजा मिलेगा .
प्रदेश में आंधी -तुफान व अन्य प्राकृतिक प्रकोप से 40 से 60 प्रतिशत तक फसल का नुकसान हुआ है . बावजूद इसके केंद्र व राज्य की सरकार कान में तेल डाले सोयी है . चक्का जाम आंदोलन में रामाधार सिंह , रामबली यादव , संतोष केसरी , सत्येंद्र रविदास , जगदीश पासवान सहित बड़ी संख्या में माले व किसान महासभा के कार्यकर्ता शामिल थे .

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