लापरवाही: महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में नहीं ली जा रही दिलचस्पी बीत गए एक माह, नहीं मिला एक कमरा सदर अस्पताल में स्थायी पुलिस पिकेट स्थापित करने की योजना पर लगा है विराम पुलिस के प्लान के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा अस्पताल प्रबंधनफोटो-06 इंट्रो: कहते हैं कि सुरक्षा नहीं मिलती. स्वास्थ्यकर्मी भय के माहौल में डयूटी करते हैं. लेकिन जब इसका समाधान निकालने की कोशिश होती है तो खुद बरतने लगते हैं लापरवाही. कुछ ऐसी ही स्थिति है जहानाबाद सदर अस्पताल के प्रबंधन की, जो एक महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन कराने की दिशा में शायद दिलचस्पी नहीं ले रही है. जहानाबाद. सदर अस्पताल और आस-पास के इलाके में विधि -व्यवस्था सुदृढ़ रखते हुए सुरक्षा प्रदान करने की पुलिस प्रशासन की एक महत्वपूर्ण योजना अधर में लटकी है. उस पर ग्रहण लगा है. इसके लिए पूरी तरह से अस्पताल प्रशासन को जिम्मेवार बताया जा रहा है. करीब एक माह गुजर जाने के बाद भी महज एक अदद कमरा मुहैया कराने में सदर अस्पातल के हुकमरान लापरवाह साबित हो रहे हैं, जिससे वहां स्थायी पुलिस पिकेट स्थापित करने की योजना सफल नहीं हो रही है. एसपी ने मांगी थी जगह:सदर अस्पताल में एक-दो नहीं बल्कि कई बार हंगामे मचे हैं. समुचित इलाज नहीं किये जाने का अारोप लगा मरीज के परिजन और उनके शुभचिंतकों ने हंगामा मचा तोड़-फोड़ की है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को दुर्व्यवहार झेलना पड़ा है. हंगामे व तोड़फोड़ को देख भाग जाना पड़ा है. इन सारी स्थितियों को देखते हुए सदर अस्पताल में सुरक्षा बलों की तैनाती किये जाने की मांग की जा रही थी. एसपी आदित्य कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया था और पत्राचार कर अस्पताल प्रबंधन से जगह उपलब्ध कराने को कहा था ताकि वहां स्थायी पुलिस पिकेट स्थापित किया जा सके. करीब एक माह बीत गये लेकिन इसके प्रति अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखायी. ऐसे तो हाथी की तरह विशाल दिखने वाला है जहानाबाद सदर अस्पताल, लेकिन अब तक स्थिति यह है कि गंभीरता से विचार नहीं किये जाने के कारण एक कमरा भी उपलब्ध कराने की कोशिश तक नहीं की गयी. पिकेट होने से होगी त्वरित कानूनी कार्रवाई: इस जिले में अक्सर हिंसक घटनाएं घटती है. दुर्घटना में घायल होकर लोग आते हैं. कई बार ऐसा देखा गया है कि सीरियस केस में पीडि़त व्यक्ति को प्राथमिक उपचार कर पटना रेफर कर दिया जाता है. उसके बयान दर्ज नहीं हो पाते. दो-तीन दिन बाद पटना में लिये गये फर्द बयान यहां संबंधित थाने में भेजा जाता है तब शुरू होती है कार्रवाई. यदि सदर अस्पताल में पुलिस पिकेट स्थापित रहेगी तो किसी भी अापराधिक मामले में वहां डयूटी पर तैनात पुलिस अफसरों के द्वारा पीडि़त का फर्द बयान दर्ज होगा और उसी वक्त से पुलिस की अग्रेतर कार्रवाई शुरू हो जायेगी. इतना ही नहीं इलाज की समस्या का ताना देकर अस्पताल में नाहक हंगामा मचाने वालों से भी पिकेट की पुलिस सख्ती बरतेगी. अस्पताल में तोड़फोड़ कर वहां की सरकारी संपत्ति नष्ट होने से भी बचाया जा सकेगा. आसपास के इलाके पर भी रहेगी नजर:सदर अस्पताल तो सुरक्षित रहेगा ही, शहर के आसपास के मोहल्लों को भी सुरक्षा के लिहाजन पिकेट का लाभ मिलेगा. नगर थाना कोर्ट एरिया में है. अरवल मोड़ के समीप स्थित सदर अस्पताल में एक अफसर के साथ सशस्त्र बल की सदैव मौजूदगी रहेगी. यदि मेन रोड स्थित बाजार क्षेत्र में या पीजी रोड में अस्पताल के आसपास के मोहल्ले में किसी तरह की वारदात होगी तो पिकेट की पुलिस फौरी कार्रवाई करने में सक्षम होगी. असमाजिक तत्वों का नहीं लगेगा जमघट:ऐसी सूचनाएं मिल रही है कि सदर अस्पताल परिसर में शाम ढलते ही असामाजिक तत्व विचरण करने लगते हैं. मसलन किसी कोने में बैठकर शराब पीना, जुआ खेलना, महिला वार्ड के आसपास घूूमना आदि. इस स्थिति की जानकारी एसपी को भी है. उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है. पुलिस पिकेट स्थापित होने से इन सभी दु:स्थितियों से आसानी से निबटा जा सकता है. असामाजिक तत्वों के गलत मंसूबे को पूरी तरह विफल किया जायेगा. लेकिन इन सभी जनोपयोगी योजनाओं को मूर्त्त रूप देने में बाधा है महज जगह उपलब्ध नहीं कराना. यदि अस्पताल प्रशासन इसे गंभीरता से ले और आर्म्स एवं पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व सुविधा के लिहाजन एक कमरा उपलब्ध कराया जाये तो अस्पताल में भरती मरीज, उनके परिजन, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और आसपास के इलाके के लोग अपने को महफूज समझेंगे. सदर अस्पताल में पुलिस पिकेट स्थापित करने के प्रति आज भी गंभीर हैं. पत्राचार किये जाने के कई दिन बीत गये पर जगह उपलब्ध नहीं कराया गया. अब भी कुछ बिगड़ा नहीं है. सुरक्षित जगह मिलने पर सदर अस्पताल में सुरक्षा के लिहाजन पुलिस की तैनाती की जायेगी.: आदित्य कुमार, एसपी, जहानाबदअस्पताल प्रशासन को पत्र मिला है. जगह उपलब्ध कराने की दिशा में सजग हैं. सिविल सर्जन अवकाश पर चले गये हैं. प्रभारी सीएस से विमर्श कर अतिशीघ्र जगह उपलब्ध करा दिया जायेगा. डा. के के राय, डी एस, सदर अस्पताल जहानाबाद.
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बीत गए एक माह, नहीं मिला एक कमरा
लापरवाही: महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में नहीं ली जा रही दिलचस्पी बीत गए एक माह, नहीं मिला एक कमरा सदर अस्पताल में स्थायी पुलिस पिकेट स्थापित करने की योजना पर लगा है विराम पुलिस के प्लान के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा अस्पताल प्रबंधनफोटो-06 इंट्रो: कहते हैं कि सुरक्षा नहीं मिलती. स्वास्थ्यकर्मी भय के माहौल […]
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