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हंगामें की भेंट चढ़ा राजद जिलाध्यक्ष पद का चुनाव

हंगामें की भेंट चढ़ा राजद जिलाध्यक्ष पद का चुनाव प्रवेक्षक के खिलाफ हुई नारेबाजी, जमकर मचा हंगामा कार्यकर्त्ताओं की गुस्से को देख भागना पड़ा प्रवेक्षक को प्रखंड अध्यक्षों के चुनाव को निरस्त करने की घोषण करते ही मचा बवालकई सक्रिय कार्यकर्त्ताओं ने लगाया दबाव में एक पक्षीय काम करने का आरोप कहा-राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद […]

हंगामें की भेंट चढ़ा राजद जिलाध्यक्ष पद का चुनाव प्रवेक्षक के खिलाफ हुई नारेबाजी, जमकर मचा हंगामा कार्यकर्त्ताओं की गुस्से को देख भागना पड़ा प्रवेक्षक को प्रखंड अध्यक्षों के चुनाव को निरस्त करने की घोषण करते ही मचा बवालकई सक्रिय कार्यकर्त्ताओं ने लगाया दबाव में एक पक्षीय काम करने का आरोप कहा-राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को प्रवेक्षक की हरकत से करायेंगे अवगत फोटो-03 जहानाबाद. जिस बात की अशांका थी वही हुआ. जिला राजद के अध्यक्ष पद का चुनाव यहां पार्टी कार्यकर्त्ताओं के हंगामें की भेंट चढ़ गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को आयोजित अध्यक्ष के चुनाव में जमकर हंगामा मचा. बतौर प्रवेक्षक चुनाव कराने आये पार्टी के जिला निर्वाचन पदाधिकारी पूर्व सांसद राजनीति प्रसाद को न सिर्फ कार्यकर्त्ताओं की खरी-खोटी सुननी पड़ी बल्कि बिना चुनाव कराये उन्हें यहां से भागना पड़ा. कार्यकर्त्ताओं के गुस्से के बीच नारेबाजी का दंश और धक्का -मुक्की झेलनी पड़ी. राजद कार्यकर्त्ताओं के गुस्से को भांपते हुए कुछ कार्यकर्त्ताओं ने उन्हें भीड़ से सुरक्षित निकाला. उन्हें उनकी कार पर बिठा कर पटना का रूख कराया. दरअसल राजद के भीतर व्याप्त अंतरकलह पार्टी के प्रखंड अध्यक्षों के चुनाव के समय से ही सतह पर आ गया था. खेमेबाजी में विभक्त कार्यकर्त्ता राजद जिलाध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लिए प्रखंड अध्यक्ष पद के चुनाव में ही अपनी जड़ मजबूत बनाने में भीड़ गये. दो खेमों में विभक्त कार्यकर्त्ता अपने-अपने मनमाफिक प्रखंड अध्यक्ष बनाना चाहते थे ताकि जिलाध्यक्ष पद पर अासानी से कब्जा किया जा सके. गड़बड़ी वहीं से शुरू हुई. कुछ प्रखंडों में दो-दो अध्यक्ष बना दिये गये. वर्त्तमान में राजद के गठन काल से ही मुजफ्फर हुसैन राही पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं. यहां के अधिसंख्य नेता और सक्रिय कार्यकर्त्ता इस बार फिर उनके प्रति मुखर दिख रहे थे. जिलाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सुबह से ही कार्यकर्त्ता उत्साह से लबरेज थे. जिले की सीमा पर ही प्रवेक्षक राजनीति प्रसाद की अगवानी की गयी थी. कई बाइक सवार कार्यकर्त्ताओं ने उन्हें रिसिव किया था. लेकिन वर्त्तमान जिलाध्यक्ष मुजफ्फर हुसैन राही समेत कई सक्रिय कार्यकर्त्ताओं में इस बात को लेकर मलाल था कि उन्हें चुनाव कराने के लिए निर्धारित स्थल की जानकारी नहीं दी गयी थी. बाद में पता चला कि बैरागी बाग के समीप एक भवन में चुनाव संबंधी बैठक होनी है. तब वहां सभी कार्यकर्त्ता एवं नेता वहां पहुंचे. शुरू से ही दिख रहा था मतभेद:चुनाव संबंधी बैठक के दौरान ही कार्यकर्त्ताओं में मतभेद दिख रहा था. लोग एक-दूसरे की बात सुनने को तैयार नहीं थे. प्रखंड अध्यक्षों के चुनाव का मुद्दा भी गरमाया हुआ था. जब प्रवेक्षक ने यह कहा कि ये प्रखंड अध्यक्षों का चुनाव निरस्त करते हैं. फिर से चुनाव करायेंगे. उसके बाद जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा. इतना कहकर जब वे कमरे से बाहर आये तो अधिसंख्य कार्यकर्त्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. लोगों ने शुरू कर दिया हंगामा मचाना. प्रवेक्षक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. कुछ कार्यकर्त्ता आपस में उलझ गये. धक्का-मुक्की होने लगी. हंगामा मचा रहे कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि प्रवेक्षक दबाव में आकर पार्टी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्त्ताओं की भावना को दरकिनार कर पॉकेट के व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाने की साजिश कर रहे हैं. पुलिस की मौजूदगी में उन्हें कुछ कार्यकर्त्ताओं ने भीड़ से सुरक्षित निकाला और वाहन पर बिठाकर उन्हें वहां से प्रस्थान कराया. इस तरह जिलाध्यक्ष का चुनाव हंगामें की भेंट चढ़ गया. वर्त्तमान जिलाध्यक्ष के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता परमहंस राय, जिला प्रवक्ता डाॅ. शशि रंजन उर्फ पप्पू यादव, धर्मपाल सिंह यादव, मनोज यादव, सम्पूर्ण लाल यादव, विजय प्रसाद, वकील यादव, सुदय यादव, मतलूब खां, नित्या यादव, श्यामनारायण यादव, बैकुंठ यादव समेत सभी प्रखंड अध्यक्ष और सैकड़ों कार्यकर्त्ता उपस्थित थे. नेताओं ने कहा है कि प्रवेक्षक के गलत फैसले और उनके एक पक्षीय रवैये की शिकायत राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद से की जायेगी.

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