22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सूखे खेत, फट रहे कलेजे

धानरोपनी. 96 प्रतिशत भूमि पर लगी है फसल, नहीं मिल रही अनुदान रािश जहानाबाद (नगर) : जिले के किसानों ने प्रकृति से लड़कर और कर्ज लेकर किसी तरह धान की रोपनी तो कर दी, लेकिन उनकी खेतों में पानी के बिना दरार पड़े हैं. आस थी कि मानसून लौटकर आयेगा, पर सिंचाई की मुक्कमल व्यवस्था […]

धानरोपनी. 96 प्रतिशत भूमि पर लगी है फसल, नहीं मिल रही अनुदान रािश
जहानाबाद (नगर) : जिले के किसानों ने प्रकृति से लड़कर और कर्ज लेकर किसी तरह धान की रोपनी तो कर दी, लेकिन उनकी खेतों में पानी के बिना दरार पड़े हैं. आस थी कि मानसून लौटकर आयेगा, पर सिंचाई की मुक्कमल व्यवस्था नहीं होने के कारण वे लाचार दिख रहे हैं.
खेतों में खड़ी धान की फसल बचाने के लिए इन्हें फिर से कर्ज लेने की नौबत आन पड़ी है. सरकार से डीजल अनुदान के रूप में जो मदद मिलती है, वे इसके भी मोहताज बने हैं. बताया गया कि जिले में 48 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित था. लक्ष्य के अनुरूप 96 प्रतिशत भूमि यानी करीब 46 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गयी.
मानसून का साथ मिलने पर किसानों ने दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुये धान की फसल तो लगाई, लेकिन अब उनके समक्ष उसे बचाने का संकट उत्पन्न हो गया है. जिले में पिछले एक पखवारे से बारिश नहीं हुई है.
जानकारी के अनुसार 31 अगस्त रात मात्र 5.29 मिमी बारिश हुई. ऐसे में किसान अपनी फसल को बचाने के लिए रात-रातभर डीजल पंपसेट चलाकर खेतों को सिंचित कर रहा है. हालांकि किसानों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही है. यहां तक कि डीजल अनुदान का लाभ भी गिने-चुने किसानों को ही मिला है.
किसान अपनी गाढ़ी कमाई फसल को बचाने में झोंक रहा है.सिंचाई पर खड़ा हुआ बड़ा संकट : जिले के किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से मानसून पर निर्भर हैं. मानसून का साथ मिला तो उत्पादन रिकार्ड स्तर पर होता है. जिले में लघु सिंचाई से 14303 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य निर्धारित है. उदेरास्थान बराज से 7175 हेक्टेयर तथा जलपथ के संसाधनों से 14050 हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्य निर्धारित है.
हालांकि लघु सिंचाई से मात्र 441 हेक्टेयर, उदेरास्थान बराज से 2275 हेक्टेयर और जलपथ के संसाधनों से 7050 हेक्टेयर भूमि को ही सिंचित किया जा सका है. जिले में बारिश की स्थिति सामान्य से काफी कम रही है. अबतक मात्र 448.45 मिमी बारिश हई है, जबकि 904 मिमी बारिश की दरकार थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में सिंचाई की स्थिति सामान्य है. किसान वैकल्पिक व्यवस्था से सिंचाई करें. यूरिया का प्रयोग कम करें. विभाग किसानों तक डीजल अनुदान का लाभ पहुंचाने में जुटा है. शंकर कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी
नहीं हुआ डीजल अनुदान का वितरण
जिले को डीजल अनुदान वितरण करने के लिए 1 करोड़ 18 लाख की राशि मिली, लेकिन महज 17 लाख रुपये ही वितरित किए जा सके. जानकारी के मुताबिक सिर्फ सदर प्रखंड के किसानों को अनुदान मिला है.
जिले के 19487 किसानों ने डीजल अनुदान के लिए आवेदन किया था. जांच के उपरांत 11198 आवेदन को स्वीकृत किया गया, लेकिन मात्र 1603 किसानों के बीच ही डीजल अनुदान का वितरण किया गया. डीजल अनुदान का लाभ प्राप्त करने वाले सभी किसान सदर प्रखंड के हैं.
सरकार ने धान की फसल की चार सिंचाई के लिए डीजल अनुदान देने की घोषणा की थी. प्रथम सिंचाई के लिए 25 जुलाई से 31 अगस्त के बीच डीजल अनुदान का वितरण करना था लेकिन अनुदान का वितरण नही हो सका .

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें