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एक सर्टिफिकेट, दो जिलों में नौकरी
विजिलेंस ने 41 उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों पर दर्ज करायी प्राथमिकी जहानाबाद : नियोजित शिक्षकों ने कायदे-कानून को ताक पर रख कर गड़बड़ झाले की तमाम हद पार कर दी है. एक ही सर्टिफिकेट पर दो जिलों में नौकरी करनेवाले ये शिक्षक वर्ष 2006 से अब तक उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूलों के जरिये सरकार को […]
विजिलेंस ने 41 उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों पर दर्ज करायी प्राथमिकी
जहानाबाद : नियोजित शिक्षकों ने कायदे-कानून को ताक पर रख कर गड़बड़ झाले की तमाम हद पार कर दी है. एक ही सर्टिफिकेट पर दो जिलों में नौकरी करनेवाले ये शिक्षक वर्ष 2006 से अब तक उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूलों के जरिये सरकार को वेतनादि मद में लाखों का चूना लगा चुके हैं.
विजिलेंस ने जिले के 41 उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों पर नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी है. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में खुलासा हुआ कि नियम की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे सभी शिक्षक एसटीइटी के एक ही अंक पत्र व प्रमाणपत्र पर जहानाबाद के अलावा बक्सर, आरा, रोहतास, औरंगाबाद, कैमूर और गया आदि जिले में भी नौकरी कर रहे हैं.
विमल किशोर सिन्हा नाम के शिक्षक का अंक पत्र और प्रमाणपत्र दोनों जाली पाये गये हैं. निगरानी ने इस मामले में अलग से प्राथमिकी दर्ज करायी है. निगरानी विभाग के पुलिस निरीक्षक रामराज्य शर्मा के अनुसार जांच में पता चला था कि जहानाबाद जिले में उच्चतर माध्यमिक में नियोजित 42 शिक्षकों की पृष्ठभूमि संदिग्ध है.
इनमें 41 शिक्षक दो जिले में नौकरी कर रहे हैं, जबकि एक शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी है. शर्मा की ओर से नगर थाने में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उल्लेख किया गया है कि सभी आरोपित शिक्षकों ने अपने एसटीइटी सर्टिफिकेट दो जिलों में उपयोग किया है. नगर थाने में केस नंबर 305/15 और 306/15 दर्ज कर राधेश्याम प्रसाद सिंह को आइओ बनाया गया है.
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