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राशि भुगतान को लेकर दर-दर भटक रहा किसान
पैक्स अध्यक्ष के पास 90 क्विंटल कोमल धान बेचा था सुनील ने पीएम से लेकर सीएम तक लगायी गुहार संयुक्त निदेशक ने राशि भुगतान अविलंब करने व पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था जहानाबाद (सदर) : धान बेच कर बेटी की शादी में हुए कर्ज को चुकाने का सपना देख रहे […]
पैक्स अध्यक्ष के पास 90 क्विंटल कोमल धान बेचा था
सुनील ने पीएम से लेकर सीएम तक लगायी गुहार
संयुक्त निदेशक ने राशि भुगतान अविलंब करने व पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था
जहानाबाद (सदर) : धान बेच कर बेटी की शादी में हुए कर्ज को चुकाने का सपना देख रहे किसान सुनील कुमार सिंह आज पैक्स में बेचे गये धान का पैसा लेने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है. उन्होंने राशि का भुगतान कराने के लिए पीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा कर थक गया है.
इस मामले में किसान की गुहार पर सहकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक आरपी सिंह ने राशि भुगतान अविलंब करने तथा पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन संयुक्त निदेशक का निर्देश भी उक्त किसान को काम नहीं आया. जहानाबाद प्रखंड क्षेत्र के पंडुई गांव निवासी किसान विगत सात फरवरी को पैक्स अध्यक्ष के पास 90 क्विंटल कोमल धान बेचा था. पैक्स अध्यक्ष द्वारा किसान को 10 मार्च को प्राप्ति रसीद भी दे दी गयी.
लेकिन पैक्स अध्यक्ष द्वारा 31 मार्च तक खरीदे गये धान का एडवाइस को-ऑपरेटिव बैंक में नहीं भेजा गया. परिणामस्वरूप किसान द्वारा बेचे गये धान का भुगतान का मामला लटक गया. एक माह तक उक्त किसान पैक्स अध्यक्ष के पास दौड़ता रहा. थक-हार कर उसने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय से की.
इसके बाद सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव आरपी सिंह मामले को काफी गंभीरता से लिया तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी को 24 घंटे के अंदर किसान को भुगतान करने तथा पैक्स अध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी ने को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधक को पत्रचार कर भुगतान करने को कहा था. लेकिन को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक एडवाइस जमा नहीं होने की बात कह कर भुगतान करने से मना कर दिया. थक हर कर किसान पुन: जिला सहकारिता पदाधिकारी के पास गया तो सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि एडवाइस लौट गया था. इसके कारण भुगतान नहीं हो सकता है. थक-हार कर पीड़ित किसान सुनिल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री को बेचे गये धान का भुगतान करने के लिए पत्रचार किया है.
उन्होंने पीएम को लिखे गये पत्र में कहा है कि इस साल मैं अपनी बेटी की शादी कर्ज लेकर की थी. अगर धान का पैसा नहीं मिलेगा, तब मेरे पास आत्महत्या करने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है. इस बाबत पूछे जाने पर जिला सहकारिता पदाधिकारी शंभु सेन ने कहा कि किसान को राशि भुगतान होने में विलंब अवश्य हो गयी है, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया में लगे हुए हैं.
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