17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विरोध में हुलासगंज बाजार बंद

बिका धान, नहीं हुआ भुगतान, गुस्से में हैं किसान हुलासगंज : हुलासगंज प्रखंड कार्यालय के प्रांगण में 31 मार्च से चालू अनिश्चितकालीन धरना का अभी तक कोई समाधान नहीं निकलने के कारण किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता मणिभूषण शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को बाजार एवं प्रखंड कार्यालय को बंद रखा. […]

बिका धान, नहीं हुआ भुगतान, गुस्से में हैं किसान
हुलासगंज : हुलासगंज प्रखंड कार्यालय के प्रांगण में 31 मार्च से चालू अनिश्चितकालीन धरना का अभी तक कोई समाधान नहीं निकलने के कारण किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता मणिभूषण शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को बाजार एवं प्रखंड कार्यालय को बंद रखा. आज प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में सभी विधायी कार्यो को किसानों ने बाधित रखा.
बाजार में सभी दुकानें बंद रहीं. किसानों की मांगों के समर्थन में दुकानदारों द्वारा बंद रखा गया. हालांकि यातायात को बंद से मुक्त रखा गया. सड़कों पर गाड़ियां आम दिनों की तरह चलती रहीं. सरकारी एवं निजी विद्यालय को भी बंद से अलग रखा गया. बंद के समर्थन में किसान सुबह से ही धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन में सक्रिय हो गये थे. किसानों द्वारा अंचल एवं प्रखंड कार्यालय में ताला लगा कर कामकाज को बाधित रखा गया. यहां तक की बीडीओ, सीओ एवं प्रमुख सत्येंद्र कुमार, अपने कर्मचारियों के साथ बरामदे में बैठ कर समय गुजारते देखे गये.
इस बीच, धरना पर किसानों की काफी भीड़ देखी गयी. किसान झलक देव शर्मा, श्रीराम शर्मा, दिनेश प्रसाद समेत कई किसानों ने कहा कि मांग बिल्कुल सही है. उन्होंने वर्ष 2014-15 में खरीफ फसल के लिए घोषित डीजल अनुदान और किसानों से खरीदे गये धान का भुगतान की मांग रखी है.
उनका कहना था कि 40 किलो की जगह 42.5 किलो धान लिये गये. उसी का पूर्ण भुगतान करने की मांग की जा रही है. नेतृत्व क र रहे मणिभूषण शर्मा ने शेष बचे किसानों से भी धान खरीदने की मांग की है. कुल मिला कर बंद शांतिपूर्ण रहा.
प्रकृति से लड़ कर अपने खेत-खलिहान को आबाद रखनेवाले किसानों का आक्रोश सोमवार को पूरे चरम पर रहा. हुलासगंज बाजार को किसानों ने दिन भर बंद रखा. यहां किसानों के समर्थन में तमाम दुकानें बंद रहीं. प्रखंड और अंचल कार्यालय में ताला जड़ कर किसानों ने अपने गुस्से का इजहार किया. सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचनेवाले किसानों को राशि भुगतान करने की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया गया था. अपने हक की मांग को लेकर किसान विगत 31 मार्च से धरना पर बैठे थे, लेकिन धरना समाप्त कराने के लिए कोई सरकारी पहल नहीं होने से नाराज किसानों ने खरीफ फसल के लिए अब तक डीजल अनुदान नहीं देने और क्रय केंद्रों पर 40 किलोग्राम के बदले 42.5 किलोग्राम धान लेने को लेकर जोरदार तरीके से अपनी आवाज उठायी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें