11.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एसएनसीयू में गूंज रहीं नवजातों की किलकारियां

जिले की स्वास्थ्य सेवाएं हालिया दिनों में अपनी बेहतरी की ओर बढ़ रही है. ऐसे में समाज के आखिरी आदमी को स्वस्थ बनाने का सरकारी संकल्प भले ही अब तक अधूरा हो, लेकिन शून्य से पांच साल तक बच्चों की जिंदगी बचाने में स्वास्थ्य महकमे को खासी सफलता मिली है. शहर के सदर अस्पताल में […]

जिले की स्वास्थ्य सेवाएं हालिया दिनों में अपनी बेहतरी की ओर बढ़ रही है. ऐसे में समाज के आखिरी आदमी को स्वस्थ बनाने का सरकारी संकल्प भले ही अब तक अधूरा हो, लेकिन शून्य से पांच साल तक बच्चों की जिंदगी बचाने में स्वास्थ्य महकमे को खासी सफलता मिली है.
शहर के सदर अस्पताल में स्थापित की गयी एसएनसीयू इस दिशा में अपनी महती भूमिका निभा रही है. नवजातों को कारगर इलाज उपलब्ध कराने के लिए अगस्त, 2014 में एसएनसीयू सेवा शुरू किये जाने के बाद से अब तक सैकड़ों शिशुओं की जान बचायी गयी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मातृ-शिशु दर के मामले में बदनाम रहे जिले में नवजात की मृत्यु दर में कमी आयी है. अब वैसे नवजातों क ी जिंदगी बचायी जा रही है, जो पूर्व में समय से जरूरी इलाज की कमी से दम तोड़ देते थे.
जहानाबाद (नगर) : नवजात बच्चों की बेहतर देखभाल एवं उनका समुचित इलाज के मकसद से सदर अस्पताल परिसर में खुला नवजात बच्चों का विशेष देखभाल यूनिट नया जीवन देने में कारगर साबित हो रहा है. इस यूनिट में प्रतिमाह 60 से अधिक नवजात बच्चों का इलाज हो रहा है तथा उन्हें असमय काल के गाल में समाने से बचाया जा रहा है. अगस्त 2014 से शुरू एसएनसीयू सेवा का लाभ अबतक सैकड़ों बच्चों को प्राप्त हो चुका है.
ये वैसे बच्चे थे, जिनके बचने की उम्मीद काफी कम थी. वैसे नवजातों को समय पर विशेष देखभाल यूनिट में रखा गया तथा वे भला-चंगा होकर वहां से अपने परिजनों के साथ घर गये. सदर अस्पताल में संचालित एसएनसीयू सेवा का लाभ सिर्फ अस्पताल में जन्म लेनेवाले नवजातों को ही नहीं मिल रहा है, अपितु सभी सरकारी व निजी शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा भी गंभीर बीमारी से जूझ रहे नवजातों को यहां रेफर किया जाता है. एसएनसीयू में 24 घंटे एक चिकित्सक के साथ कई एएनएम तैनात रहती हैं, जो इनफैंट के एडमिट होने के साथ ही उनकी सेवा में तत्परता से जुट जाते हैं. ग्रामीण इलाकों में व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव में अब भी उन्हें एसएनसीयू की सेवाओं से वंचित रहना पड़ रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें